नई दिल्ली: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) जो फिर से सतर्क हो गए हैं, उन्होंने अब तक जुलाई में 4,515 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश को एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार वापस ले लिया है। विश्लेषकों ने देखा कि कोविड डेल्टा संस्करण और तेल की बढ़ती कीमतों की चिंताओं ने निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित किया है। जून में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय इक्विटी के शुद्ध खरीदार थे, जिसके बाद बिकवाली हुई। पिछले महीने एफपीआई ने इक्विटी सेगमेंट में 17,215 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। जुलाई में अब तक की शुद्ध बिक्री के साथ, 2021 में शुद्ध एफपीआई निवेश 55,829 करोड़ रुपये है, जो जनवरी-मार्च में मजबूत निवेश द्वारा समर्थित है। उच्च मुद्रास्फीति और ढीली मौद्रिक नीतियों को जारी न रखने की चिंताओं से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित होगी। उच्च मुद्रास्फीति पर चिंता और निरंतर ढीली मौद्रिक नीति की कमी भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेगी। विश्लेषकों ने कहा कि सुस्त वैश्विक बाजारों से बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है। गौरतलब है कि बकरीद के दिन बुधवार (21 जुलाई) को इक्विटी बाजार बंद रहेंगे। कोरोना संक्रमण के बाद पैदा हुई नई आफत, बढ़ सकता है खतरा हैक हुआ ओवैसी की पार्टी AIMIM का ट्विटर अकाउंट, लगाई इस मशहूर शख्स की तस्वीर अपनी आजीविका के लिए आज भी खेतों में काम करते हैं केंद्रीय मंत्री मुरुगन के माता-पिता