यूपी का एक गाँव शादी में फिजूलखर्ची को प्रतिबंधित कर मिसाल पेश कर रहा है. यहां शादी में ज्यादा रकम खर्च करने पर प्रतिबंध है. इसकी निगरानी के लिये एक कमेटी भी बनाई गई है, जो शादी में होने वाले खर्च पर नजर रखती है. इतना ही नहीं, शादी के बाद पति-पत्नी के बीच होने वाले किसी भी तरह के विवाद का निपटारा भी वहाँ की पंचायत में होता है. रामपुर के दोकपुरी टांडा गांव में चाहे कोई अमीर हो या फिर गरीब, सबकी शादियां एक ही समारोह में होती हैं. यहां मुस्लिम बंजारा समुद्हाय के लोगो की संख्या अधिक है. इन्होंने 'फलाहे मुस्लिम बंजारान तंजीम' नाम से समिति बनाई है. तंजीम ने शादी में होने वाली फिजूलखर्ची रोकने के लिये कुछ नियम बनाए हैं, जैसे किसी एक दिन समारोह आयोजित करके एक ही जगह 10 शादियां कराई जाती हैं. दहेज में कार, बाइक या महंगी चीजें देना भी सख्त मना है. तंजीम के सदर मोहम्मद अहमद उर्फ बाबर और सरपस्त मौलाना मनसब अली हैं. इन्होंने पड़ोस के गांव खेड़ा टांडा में भी तंजीम के इन्हीं नियमों को लागू करवाया है. 13 साल पहले बनी तंजीम में 11 पदाधिकारी और 50 सदस्य हैं. संग्राम दाहिया ने जीता शूटिंग में सिल्वर पदक जीएसपी सुविधा खत्म करना चाहता है अमेरिका चुनाव : बढ़ सकती बीजेपी की मुश्किलें