तेलगाना : तेलगाना सरकार ने एक अजीब सी बात कही है. उनका मानना है कि पति के आने से महिलाएं बहकती है, इसलिए मैरीड महिलाओं को एडमिशन ही नही दिया जाए. यह बात उन्होंने एक नोटिफिकेशन के जरिए सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल वुमेन डिग्री कॉलेजों के अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए कही है. इन कोर्स में बीए, बी कॉम, बीएससी शामिल है. बता दे कि सरकार का कहना है कि मैरीड वुमन कॉलेजों में भटकाव पैदा करती हैं, वही टीओई की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने यह नियम एक साल पहले ही लागू कर दिया है. 23 आवासीय कॉलेजों के करीब 4 हजार सीटों पर एडमिशन इस नियम से होता है. इन कॉलेजों में महिला कैंडिडेट को सभी चीजें मुफ्त में बाटी जाती है. वही इस मुद्दे पर सोसायटी के कंटेंट मैनेजर ने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि शादीशुदा महिलाओं को एडमिशन देने पर उनके पति भी कॉलेज विजिट करते हैं. इससे बाकी महिलाओं का ध्यान भटक सकता है तो वही सोसाइटी के सेक्रेटरी का कहना है कि आवासीय कॉलेजों का मकसद था कि बाल विवाह रुक सके. इसलिए हम शादीशुदा लड़कियों को प्रोत्साहित नहीं करते. फ़िलहाल एक्टिविस्ट्स नोटिफिकेशन का विरोध कर रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे है नक्सलियों से वार्ता की मध्यस्थता के लिए श्री श्री रविशंकर तैयार पेप्सी, कोका कोला पर पाबन्दी, स्टेट इकोनॉमी होगी प्रभावित - IBA भारत की 20 फीसदी आबादी डायबिटीज और हाइपरटेंशन के चंगुल में