जमुना जी की तीरा, जो कि एक लेटेस्ट राजस्थानी भजन हैं. यह अल्फ़ा म्यूजिक एंड फिल्म्स की ओर से पेश किया गया है. राजस्थानी एल्बम गीत के निर्माता गोपाल सैनी और निर्देशक बाबूलाल सैनी हैं. गाने में आवाज प्रकाश चंद गुर्जर द्वारा दी गई है. गीत के बोल बीरबल सिंह साईवाड द्वारा तैयार किए गए है. दिलबर म्हारी : राजस्थानी हिट DJ सॉन्ग इस भजन में जमुना नदी के किनारे हरा भरा होने के कारण कान्हा गायो को वहाँ घास खिला रहे हैं और अपनी मीठी-मीठी बांसुरी से सबका मन मोहते हुए जा रहे हैं. घर आने पर माता यसोदा कान्हा को लाड लड़ाते हुए हैं उन्हें दही और माखन खिला रही हैं. जमुना जी की तीरा सॉन्ग लिरिक्स... जमुना जी की तीरा, जमुना जी की तीरा हा.. जमुना जी की तीरा घास घनो रे म्हारो कानूडो तो गाया ने चरावे रे गाया ने चरावे कान्हो बछिया ने चरावे यो तो मीठी मीठी बाँसुरी बजावे रे म्हारो कानूडो तो गाया ने चरावे रे कान कंवर ने खोले जद माता कान्हा ने बोले दहीडो खिलाउ तने माखन खिलाउ कान्हा का लाड लड़ावे रे म्हारो कानूडो तो गाया ने चरावे रे जमुना जी की तीरा, जमुना जी की तीरा म्हारो कानूडो तो गाया ने चरावे रे जमुना जी की तीरा जावे ग्वाल बाल ने संग ले जावे बैठ कदम्ब पर बाँसुरी बजावे सारी गुज़रिया ने नाच नाच नचावे रे म्हारो कानूडो तो गाया ने चरावे रे जमुना जी की तीरा, जमुना जी की तीरा म्हारो कनउडो तो गया ने चरावे रे बीरबल सिंह श्याम को दीवानो नयी तरज को आयो जमानो प्रकाशचन्द गुर्जर अल्फ़ा कैसेट्स में गावे डीजे पर धूम मचावे रे म्हारो कानूडो तो गाया ने चरावे रे जमुना जी की तीरा, जमुना जी की तीरा म्हारो कानूडो तो गाया ने चरावे रे. यह भी पढ़ें... वीर तेजाजी की मनुहार, ओजी ओ तेजाजी मैं तो चरणा री हूँ दासी... गौरी की चूड़ी खनके रे...नगीनो बलके छै... जन्माष्टमी 2018 भजन : मार गुलेल म्हारी मटक ने फोड्यो क़ानूड़ो चित चोर हो...