हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि (masik shivratri 2022) का व्रत रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा का विधान होता है। आप सभी को बता दें कि भगवान शिव को मासिक शिवरात्रि का व्रत (masik shivratri 2022 vrat vidhi) बेहद प्रिय होता है जो इस बार 29 अप्रैल को है। जी दरअसल इस दिन रात्रि प्रहर की पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। आप सभी को हम यह भी बता दें कि वर्ष में फाल्गुन मास की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि (masik shivratri 2022 lord shiv vrat) के रूप में मनाया जाता है। जी हाँ और हर महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि का भी विशेष महत्व होता है। जी दरअसल भगवान शिव के आशीर्वाद से जीवन में आरोग्य, धन, दौलत, सुख आदि की प्राप्ति होती है। इसी के साथ ही मासिक शिवरात्रि (masik shivratri 2022 detail) का व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अब हम आपको बताते हैं वैशाख माह की शिवरात्रि की पूजा विधि के बारे में। मासिक शिवरात्रि के दिन सुह-सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नानादि करें। हालाँकि इस समय यदि मंदिर नहीं जा सकते तो घर पर रहकर ही पूजन करें। वहीं इसके बाद सबसे पहले शिव जी के समक्ष पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करें। अगर घर पर शिवलिंग है तो दूध, गंगा जल आदि से अभिषेक करें। इसी के साथ शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा आदि जरूर अर्पित करें। ध्यान रहे इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी करनी चाहिए। इसके अलावा पूजा करते समय नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें और उसके बाद भगवान शिव को भोग लगाएं आरती (masik shivratri 2022 puja vidhi) करें। आप सभी को बता दें कि शिवरात्रि शिव जी की प्रिय तिथि होती है। इस दिन विधि-विधान के साथ पूजना व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि शिवरात्रि पर व्रत पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है सकारात्मकता का संचार होता है। 28 अप्रैल को है प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त कालाष्टमी के दिन सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए करें कालभैरव चालीसा का पाठ 23 अप्रैल को है कालाष्टमी, भय से मुक्ति के लिए पढ़े यह व्रत कथा