मासिक शिवरात्रि के दिन जरूर पढ़े-सुने यह कथा

मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन यानि चतुर्दशी को मनाई जाती है। आप सभी को बता दें कि जनवरी के इस महीने में चतुर्दशी तिथि 30 जनवरी दिन रविवार की शाम 5 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो रही है, ​जो अगले दिन 31जनवरी को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं मासिक शिवरात्रि की कथा।

मासिक शिवरात्रि की कथा- भगवान सदाशिव अपने परमब्रह्म स्वरूप में थे। महाशिवरात्रि के दिन ही वे लिंग स्वरुप में प्रकट हुए थे। एक प्रकार से भगवान सदाशिव परमब्रह्म स्वरूप से साकार हुए थे। तब भगवान​ विष्णु और ब्रह्मा जी ने शिवलिंग की प्रथम पूजा की थी। इस वजह से हर शिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती तथा रति जैसी देवियों ने शिवरात्रि का व्रत शिव कृपा एवं अपने उद्धार के लिए किया था। फाल्गुन माह की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं। महाशिवरात्रि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।

सती के आत्मदाह के बाद काफी समय बीतने के पश्चात भगवान शिव और माता पार्वती का ​महाशिवरात्रि को महा​मिलन हुआ था। इस वजह से भी शिवरात्रि के दिन शिव पूजा का विधान है। फाल्गुन माह की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं। महाशिवरात्रि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। सती के आत्मदाह के बाद काफी समय बीतने के पश्चात भगवान शिव और माता पार्वती का ​महाशिवरात्रि को महा​मिलन हुआ था। इस वजह से भी शिवरात्रि के दिन शिव पूजा का विधान है।

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