नई दिल्ली: आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के चीफ मसूद अजहर को बचाने में लगे पाकिस्तान और इस काम में उसकी सहायता कर रहे चीन के लिए अब आगे की राह उतनी सरल नहीं होगी। अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए अमेरिका ने अब सीधे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक नया प्रस्ताव पहुँचाया है। ब्रिटेन और फ्रांस की सहायता से लाए गए इस प्रस्ताव को रोकना चीन के लिए सरल नहीं है। रिसर्च तकनीशियन के पद खाली, जानिए जरूरी योग्यता यही कारण है कि अमेरिकी प्रस्ताव पर चीन ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है। उसने एक बार फिर इस कोशिश में रोड़ा अटकाने का प्रयास करते हुए अमेरिका से सोच-समझ कर कदम उठाने को कहा है। अभी तक संयुक्त राष्ट्र की तरफ से वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए गठित की गई समिति (1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति) के तहत सुरक्षा परिषद में अजहर के विरुद्ध प्रस्ताव लाया जाता रहा है। भारत और इसके मित्र देश इस सम्बन्ध में चार बार प्रस्ताव ला चुके हैं। NIT भर्ती : प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर सहित कई पद खाली, जानिए आवेदन का तरीका लेकिन हर बार चीन के असहयोग के कारण जैश चीफ वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचता रहा है। इस समिति के तहत जो प्रस्ताव लाया जाता है उसके विरुद्ध अगर कोई भी एक सदस्य वोटिंग करता है तो वो प्रस्ताव ख़ारिज हो जाता है। सुरक्षा परिषद के सभी मेंबर देशों को प्रस्ताव लाने के 10 दिनों के अंदर इस पर विरोध जाताना होता है। हर बार चीन निर्धारित अवधि ख़त्म होने के कुछ घंटे पूर्व इसका विरोध कर अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर पानी फेर चुका है। खबरें और भी:- एशियाई बाजारों में नजर आई कमजोरी, आज ऐसा है हाल डॉलर के मुकाबले 6 पैसे की कमजोरी के साथ खुला रुपया लगातार दूसरे दिन भी स्थिर रहे पेट्रोल और डीजल में दाम