नई दिल्ली: कोरोना से आज पूरी दुनिया जूझ रही है. विश्व के संपन्न देशों में प्रति दिन कोरोना के मामले और मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. इन सबके बीच एक वैज्ञानिक अध्ययन से थोड़ी राहत की खबर सामने आई है. एक अध्ययन में ये बात सामने आ रही है कि यदि गर्मी बढ़ेगी तो हो सकता है कि कोरोना के प्रकोप में कमी आ जाए. कोरोना के जहरीले वायरस से बचने के लिए हर संभव कोशिश हो रही है. किन्तु कोशिशों से आगे एक उम्मीद मौसम है. विश्व की बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी और संस्थानों से ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि जब ठंड जाएगी, मौसम परिवर्तन होगा, गर्मी बढ़ेगी और तापमान का पारा चढ़ेगा तो कोरोना की गर्मी उतरेगी और वो खत्म होगा. वैसे ही हिंदुस्तान में इस समय पारा थोड़ा नीचे है मगर जैसे ही सूरज की तपिश बढ़ेगी, कोरोना से बचने की उम्मीदें भी बढ़ेंगी. ये उम्मीद विश्व के जाने-माने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी एमआईटी ने जगाई है. इस इंस्टीट्यूट के एक ताजा अध्ययन के अनुसार, मौसम यदि गर्म और नमी भरा होगा तो इससे कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बेहद कम हो जाएगी. जिन देशों में तापमान का पारा 3 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा और नमी 4 से 9 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रही, वहां कोरोना वायरस के केस 90 % पाए गए हैं. जबकि जिन देशों में पारा 18 डिग्री से अधिक रहा और नमी 9 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक रही वहां पर ऐसे मामले 6 फीसदी ही सामने आए हैं. मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को जल्द होगा भुगतान भारत: इस कंपनी ने 1 करोड़ डेटॉल साबुन का वितरण करने का किया फैसला क्या गिरे हुए टैक्स कलेक्शन से हो पाएगा कोरोना वायरस का मुकाबला ?