लखनऊ: महीने भर की गर्मी की छुट्टियों के बाद आज 01 जुलाई को अदालतें फिर से खुलने वाली हैं। इसी के साथ आज मथुरा में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट आज शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुद्दे से संबंधित नौ मामलों में करीब एक दर्जन आवेदनों की सुनवाई कर रही है। ये दर्जन भर आवेदन संवेदनशील मुद्दों पर आधारित हैं और विभिन्न याचिकाकर्ताओं द्वारा देवता (भगवान कृष्ण) की तरफ से पेश किए गए हैं और इन याचिकाकर्ताओं में श्री कृष्ण की नगरी मथुरा के मध्य में मंदिर के बगल में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद में सर्वे और वीडियोग्राफी की मांग करने वाले भी शामिल हैं। ये मुकदमे मथुरा में कृष्ण मंदिर परिसर से लगे शाही ईदगाह (मस्जिद) को हटाने और 13.37 एकड़ जमीन, जिस पर मस्जिद स्थित है, को देवता को हस्तांतरित करने की मांग करते हुए दाखिल किए गए हैं। मई में स्थानांतरित किए गए आवेदन विभिन्न प्रार्थनाओं के साथ हैं, जिनमें शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए एक वकील आयुक्त की नियुक्ति, मस्जिद परिसर की सीलिंग, सुरक्षा बढ़ाने और मस्जिद परिसर की "शुद्धि" की मांग की गई है। ज्यादातर याचिकाओं में दावा किया गया है कि भगवान कृष्ण (गर्भ गृह) का वास्तविक जन्मस्थान, शाही ईदगाह की मौजूदा संरचना की दीवारों के अंदर है, और निशान और प्रतीक हैं, जो साबित करते हैं कि यहाँ पहले एक हिंदू मंदिर हुआ करता था, जिसे ध्वस्तकर वहां आतताइयों ने मस्जिद का निर्माण कर दिया है। वाराणसी में ज्ञानवापी मामले को लेकर चल रही एक याचिका के समान, याचिकाकर्ताओं ने यह भी दावा किया है कि शाही ईदगाह के अंदर मंदिर के भौतिक प्रमाण मौजूद हैं। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि मुस्लिम पक्ष उन प्रमाणों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, हटा सकते हैं या छुपा सकते हैं। 25 सितंबर, 2020 को रंजना अग्निहोत्री और अन्य द्वारा दाखिल किए गए मुकदमों के मौजूदा समूह में सुनवाई के लिए आने वाली याचिकाओं में सबसे पुरानी है। आज इसे शुक्रवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में पेश किया जाएगा। केसीआर कल हैदराबाद में यशवंत सिन्हा की रैली में हिस्सा लेंगे क्या डर गयी भाजपा ? आखरी समय पर फडणवीस बने उप-मुख्यमंत्री यूपी: 6 दिन लेट आए मानसून ने तोड़ा पिछले 3 साल का रिकॉर्ड, एक ही दिन में सड़कें बनी तालाब