भगवान विष्णु जी के 12 अवतार में प्रथम अवतार मत्सय है इसी कारण हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मत्स्य द्वादशी मनाई जाति है। बताया जाता है की इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी ने मत्स्य रूप धारण कर दैत्य हयग्रीव का वध कर वेदो की रक्षा की थी। यही कारण है की इस तिथि पर भगवान विष्णु जी के मत्स्य अवतार की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विष्णु की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। जानकारी के लिए बता दें गुरुवार यानि 19 दिसंबर 2018 को मत्स्य द्वादशी मनाई जाएगी। धर्म रक्षा के लिए मत्स्य अवतार प्राप्त जानकारी अनुसार सनातन धर्म के धार्मिक ग्रंथो की माने तो एक बार ब्रह्मा जी की असावधानी से दैत्य हयग्रीव ने वेदो को चुरा लिया। हयग्रीव द्वारा वेदों को चुरा लेने के कारण ज्ञान लुप्त हो गया। समस्त लोक में अज्ञानता का अंधकार फ़ैल गया। इसी के बाद भगवान विष्णु जी ने धर्म की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण कर दैत्य हयग्रीव का वध किया और वेदो की रक्षा की तथा भगवान ब्रह्मा जी को वेद सौप दिया। भगवान विष्णु जी के 12 अवतार में प्रथम अवतार मत्स्य अवतार है। मत्स्य द्वादशी के दिन भगवान श्री विष्णु जी भक्तो के संकट दूर करते है तथा भक्तों के सब कार्य सिद्ध करते हैं। राम मंदिर निर्माण की मांग से फिर गूंजेगी दिल्ली, धर्मसभा में विहिप भरेगा हुंकार सबरीमाला हिंसा मामले में राहुल ईश्वर की जमानत याचिका हुई रद्द अगर आपको मिलते हैं यह 3 संकेत तो समझ जाइए भोलेनाथ आपके साथ है