सहारनपुर: जमीयत उलेमा ऐ हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मोदी सरकार द्वारा लोकसभा पारित तीन तलाक बिल पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है. मौलाना मदनी ने कहा है कि हमारे लिए इस बिल की कोई अहमियत नहीं है. सरकार चाहे कितने भी बिल ले आए, लेकिन जो इस्लाम के बन्दे हैं वे शरीयत पर जरूर अमल करेंगे. मदनी ने कहा कि सरकार अब इस बिल को राज्यसभा में प्रस्तुत करेगी, इसकी जानकारी उन्हें पहले से ही थी, लेकिन इस बिल की कोई अहमियत नहीं है. बैंक ऑफ़ इंडिया में इतने करोड़ का निवेश करेगी सरकार मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौलाना अरशद मदनी का कहना है कि मुस्लिमों में दो तबके हैं, एक वो जिसने अपनी जिंदगी को इस्लाम के आनुसार बना लिया है. वहीं दूसरा तबका वो है जो इस्लाम से अलग है, शराब पीता है और ऐसे काम करता है, जो इस्लाम में नाजायज है. तीन तालक का मसला भी ऐसा ही है. दो दिन तक दिल्ली के रामलीला मैदान में चलेगा पीएमओ. ये है इसकी वजह मौलाना मदनी ने कहा सरकार एक नहीं, चाहे तो 50 कानून बना लें, लेकिन जो मुसलमान हैं उन्हें पता हैं कि तलाक हो चुका है और अब हमारी बच्ची का तलाक देने वाले शौहर के साथ रहना नाजायज कहलाएगा और उसकी औलाद भी नाजायज ही कहलाएगी. उन्होंने कहा कि ऐसे मुस्लिम इस मसले से कभी पीछे नहीं हटेंगे. मौलाना मदनी ने कहा है कि हम तीन तलाक का समर्थन नहीं कर रहे हैं, हम इसको बुरा मानते हैं और गुनाह तक समझते हैं, लेकिन ये इतना बड़ा गुनाह नहीं है कि तीन तलाक़ के दोषी को 3 साल की जेल में डाल दिया जाए और उसके बच्चों और बीवी को सड़क पर छोड़ दिया जाए. खबरें और भी:- बाजार में बढ़ी मांग से सोने की कीमतों में फिर उछाल यात्री बढ़े फिर भी घाटे में पहुंची भारतीय विमानन सेवाएँ डिजिटल पैमेंट कारण एटीएम संख्या में आई कमी : ऱिजर्व बैंक