दतिया: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। इसको लेकर देशभर में भारी उत्साह है। वही राम मंदिर बनने को लेकर संतों और बाबाओं ने कई प्रकार के प्रण लिए थे. किसी ने मौन व्रत ले लिया था तो किसी ने अन्न तक त्याग दिया था. अब जब राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होने वाली है, तो इन संतों का प्रण भी पूरा हो चुका है. ऐसे में अब सभी खुशी से रामलला का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं. अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी तथा इसके साथ ही मध्य प्रदेश के मौनी बाबा का 40 वर्षों पुराना प्रण भी पूरा होगा जो उन्होंने 1982 में लिया था. मध्य प्रदेश के दतिया में रहने वाले 'मौनी बाबा' (मौन संत) ने 1984 में अयोध्या में रामलला के सिंहासन पर बैठने तक एक भी शब्द नहीं बोलने की शपथ ली थी. जैसे-जैसे अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समीप आ रही है, तो उन्होंने 22 जनवरी को प्रभु श्री राम के नाम का जाप करके अपनी चुप्पी तोड़ने का निर्णय लिया है. फिलहाल, बाबा एक छोटे चॉकबोर्ड पर लिखकर लोगों को अपनी बात बताते हैं. वहीं मौनी बाबा ने 1980 में यह भी प्रण लिया था कि जब तक राम मंदिर नहीं बन जाता वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे. वह 44 वर्षों से फल खाकर गुजारा कर रहे हैं. तत्पश्चात, 1984 में उन्होंने राम मंदिर बनने के लिए पैरों में चप्पल पहनना छोड़ दिया था तथा मौन व्रत धारण कर लिया. मौन व्रत धारण किए 40 वर्षों हो गए हैं, अब राम मंदिर बन गया तो संत अयोध्या में व्रत तोड़ना चाहते हैं, किन्तु उन्हें अयोध्या का निमंत्रण नहीं प्राप्त हुआ है. बंगाल की खाड़ी में संपन्न हुआ भारत-जापान का संयुक्त युद्धाभ्यास, इन चुनौतियों से निपटने पर रहा जोर चुनावों से पहले INDIA दलों के छात्र संगठनों ने संभाली कमान ! दिल्ली में शिक्षा नीति के खिलाफ शुरू किया प्रदर्शन, निशाने पर सरकार सीट बंटवारे पर कल फिर INDIA का मंथन, शामिल होंगी 14 पार्टियां, लेकिन कांग्रेस के सामने होंगी चुनौतियां