जल्द नजर आ सकती है अखिलेश - मायावती की राजनीतिक जुगलबंदी

लखनऊ : मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लंच के दौरान एकत्रित हुई बीजेपी-विरोधी पार्टियों का एकजुट होना समय की मांग है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में धुर विरोधी रहे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती की जुगलबंदी जल्द ही नजर आ सकती है और पहली बार दोनों एक साथ रैली कर सकते हैं.

गौरतलब है कि शुक्रवार को सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुए लंच के दौरान हुई बैठक में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी-विरोधी पार्टियों का गठबंधन बनाने के लिए दोनों नेताओं को एक साथ आने को कहा था. समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने शनिवार को इसकी पुष्टि कर सभी बीजेपी-विरोधी पार्टियों ने साझा रैलियां करने पर सहमत दिखे, क्योंकि बीजेपी का सामना करने के लिए एक संयुक्त विपक्ष मौजूदा समय की जरूरत बन गया है.

स्मरण रहे कि आगामी 27 अगस्त को लालू यादव पटना के गांधी मैदान में रैली करेंगे इसके बाद उत्तर प्रदेश में एक रैली आयोजित की जाएगी. हालांकि इस पर बीएसपी की टिप्पणी नहीं मिली , लेकिन सूत्रों ने कहा कि पार्टी की प्रमुख ने विपक्षी एकता की बात स्वीकार कर मायावती ने अन्य पार्टियों से सौ प्रतिशत उनके साथ रहने की बात कही गई .मायावती और अखिलेश की साझा रैली 2019 के आम चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के खिलाफ गठबंधन की संभावना को प्रोत्साहित कर सकती है.

यह भी देखें

बसपा से निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन ने बनाई नई पार्टी

विधानसभा में अखिलेश ने योगी के एंटी रोमियो पर निशाना साधा

 

Related News