नई दिल्ली। वर्ष 2007 के मक्का मस्जिद के मामले में आरोपी असीमानंद को राहत मिलती नज़र आ रही है। दरअसल उन्हें इस मामले में जमानत दे दी गई है। जमानत मिलने के बाद अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। फिलहाल वे जयपुर जेल में हैं मगर न्यायालय के आदेश होते ही वे जेल से बाहर आ सकते हैं गौरतलब है कि उन्हें अजमेर बम धमाके के बाद आरोपी के तौर पर न्यायालयीन कार्रवाई का सामना करना पड़ा। मगर इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत को असीमानंद के खिलाफ आवश्यक साक्ष्य नहीं मिल सके। ऐसे में उन्हें रिहा कर दिया गया। अब मक्का मस्जिद मामले में न्यायालय द्वारा आदेश दिए जाने के बाद उन्हें शुक्रवार तक छोड़े जाने की संभावना है। दूसरी ओर अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर हुए बम विस्फोट के मामले में उन्हें छोड़ दिया गया है। इस मामले में पहले ही देवेंद्र गुप्ता और भावेश पटेल को उम्र कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई जा चुकी है। जबकि सुनील जोशी की हत्या हो चुकी है। स्वामी असीमानंद को भी मालेगांव व समझौता केस में जमानत दे दी जा चुकी है। पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय ने वर्ष 2014 में समझौता ब्लास्ट केस में असीमानंद को जमानत दे दी थी। मगर इसके खिलाफ एनआईए ने कोई कार्रवाई नहीं की। दूसरी ओर मक्का मस्जिद मामले में जमानत मिलने के बाद एनआईए तय करेगी कि जमानत के खिलाफ याचिका दायर करना है या नहीं। अजमेर बम धमाके में 2 दोषियों को आजीवन कारावास अजमेर बम धमाके में 2 दोषियों को आजीवन कारावास अजमेर ब्लास्ट मामला: सबूतों के अभाव में असीमानंद बरी