नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन की मानसिक स्थिति की जाँच के लिए मेडिकल बोर्ड बनाने ऑर्डर दिया है. जिसकी रिपोर्ट 8 मई तक देनी होगी. जस्टिस कर्णन ने नोट बैन के बाद पीएमओ को खत लिख कर कुछ जजों पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया था. सुप्रीम कोर्ट इसे कोर्ट की अवमानना मानती है. जब 31 मार्च को जस्टिस कर्णन की पेशी हुई थी तब उन्होंने कहा था कि उन्हें उनका काम सौंप दिया जाए, नहीं तो मेरी दिमागी अवस्था ठीक नहीं हो पाएगी. इस बात पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम देख रहे है उनकी मानसिक अवस्था ठीक नहीं है और उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं कि वह हकीकत में क्या कर रहे है. इस मामले में कोर्ट ने उनकी मांग को ख़ारिज कर दिया था. यह ऐसा पहला केस है जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के मौजूदा जज को अवमानना का नोटिस भेजा था. इतना ही नहीं कर्णन सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र लिख कर यह भी आरोप लगाया था कि दलित होने के कारण उन पर यह कार्यवाही की जा रही है. ये भी पढ़े अब जस्टिस कर्णन ने सीजेआई सहित सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की विदेश यात्रा पर लगाई रोक जस्टिन बीबर ने फ्री में दे दी ऑटो चालक के बेटे को 75 हजार की टिकट नेपाल में राजनीतिक हालात खराब, सरकार अल्पमत में