विश्व चैंपियनशिप 2017 में मीराबाई चानू ने जीता स्वर्ण

भारतीय वेट लिफ्टिंग खिलाड़ी मीराबाई चानू अपने करियर में डोप विवादों के कारण विश्वसनीयता खो चुकी थी, जिसके बाद वह पिछले साल से अब तक इन विवादों से मुक्त रही और इस साल स्वर्ण पदक जीत लिया है. पिछले 4 साल में 45 डोप टेस्ट झेल चुकी चानू ने इस साल 30 नवंबर को अमेरिका के अनाहेम में विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं के 48 किलो वर्ग में स्वर्ण जीता. वह कर्णम मल्लेश्वरी के बाद स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी है. मल्लेश्वरी ने 1994 और 1995 में स्वर्ण पदक जीता था.

चानू को विश्व चैंपियनशिप से लौटने के बाद 2 दिन के भीतर 2 डोप टेस्ट से गुजरना पड़ा. एक साल पहले ही रियो ओलिंपिक में पदक जीतने में असफल होने पर उन्हें कई आलोचनाओ का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्होंने खेल से विदाई लेने का मन बना लिया था. चानू ने कहा कि ''पिछले 2 साल में मैंने इतने टेस्ट दिये, लेकिन कभी कुछ नहीं निकला. मुझसे जब भी नमूने मांगे गए, मैंने दिये. मेरे पास छिपाने के लिये कुछ नहीं है. मेरी चिंता सिर्फ प्रशिक्षण और अगले साल राष्ट्रमंडल तथा एशियाई खेलों में अच्छा प्रदर्शन है.''

बता दे कि विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी की वैश्विक डोपिंग उल्लंघन रिपोर्ट में भारत लगातार तीसरे साल तीसरे स्थान पर रहा, इस रिपोर्ट में 117 खिलाड़ी डोपिंग टेस्ट में फेल रहे जिसमे सबसे ज्यादा 56 वेट लिफ्टिंग खिलाड़ी थे. 

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