नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर पीएम मोदी सोमवार को रूस के शहर सोचि पहुँच गए हैं, यहाँ पीएम नरेंद्र मोदी, पुतिन के साथ एक अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं. लेकिन अभी तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि पीएम मोदी अनौपचारिक बैठक के लिए रूस क्यों गए हैं और वे बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा करेंगे. विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान समय में वैश्विक स्तर पर चुनौतियां बढ़ रही है, अमेरिका का ट्रंप प्रशासन वैश्विक व्यवस्था के नियम-कायदे को खत्म करता जा रहा है. ऐसे में भारत, रूस और चीन जैसे देशों को लग रहा है कि अगर विश्व स्तर पर अपना हक़ बनाए रखना है तो अपने पडोसी मुल्कों से बनाकर रखनी होगी. अगर भारत और रूस की बात करें तो रूस से भारत का रिश्ता काफी पुराना है, किन अब तेजी से बदलते भू-राजनीतिक हकीकत के बीच इसमें बदलाव आ रहा है. एक और चिंता भारत के लिए ये भी है कि रूस का झुकाव भारत के विरोधी देश पाकिस्तान की तरफ हो रहा है. ऐतिहासिक रूप से देखें तो रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का अक्सर साथ दिया है और कश्मीर मसले पर आने वाले प्रस्तावों पर रूस चुप रहा करता है. भारत और रूस के शीर्ष नेतृत्व की तमाम कोशिशों के बावजूद दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों में मतभेद बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है, कि यही वजह हो सकती है जो पीएम मोदी, पुतिन के निमंत्रण पर रूस में बैठक करना पहुंचे हैं. मैं राष्ट्रपति पुतिन का आभारी हूं- पीएम मोदी सबसे ज्यादा पैसे वाली पार्टी बीजेपी के चुनावी खर्च की जांच हो- कांग्रेस सांसद कुमारस्वामी का शपथ ग्रहण समारोह विपक्ष को एक मंच पर लाएगा