चेन्नई: चेन्नई में एक बार फिर जोरदार बारिश से जनजीवन अस्त - व्यस्त हो गया है। हालात ये हैं कि बारिश के बीच लोगों को बाढ़ का सामना अभी भी करना पड़ रहा है। बारिश थमने से बाढ़ के हालातों से लोगों को राहत मिली थी। मगर फिर से बारिश प्रारंभ होने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई। बाढ़ के हालातों को लेकर अब दुनियाभर के विश्लेषक आंकलन करने में लगे हैं। यह बात भी सामने आई है कि विश्व में ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है। अब विश्लेषक इस बात का आंकलन करने में जुट गए हैं कि क्या ग्लोबल वार्मिंग के असर के कारण भीषण सूखा, या फिर बाढ़ जैसे हालात देश में देखने को मिल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में इन दिनों सूखे के हालात हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा चेतावनी देते हुए कहा गया कि अल नीनो का असर चेन्नई में भी नज़र आ सकता है। दरअसल अल नीनो का असर बहुत अधिक प्रभावित करने वाला हो सकता है। अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्रीय और वायुमंडलीय प्रशासन द्वारा पुष्टि करते हुए कहा गया कि मेगा नीनो की तैयारी की जा रही है। आंकड़े यह बता रहे हैं कि मध्यप्रशांत महासागर में तापमान 18 नवंबर को 3.1 डिग्री सेल्सियस पर हो गया। इन हालातों पर विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा भी चिंता जताई गई। दरअसल अल नीनो भूमध्य रेखा के समीप प्रशांत महासागर में गर्म पानी के वितरण में बदलाव के चलते प्रभाव में आता है। पृथ्वी जब अपनी धुरी पर घूमती है तो पूर्व से पश्चिम तक तेज़ हवा चलती है। जिसके कारण प्रशांत महासागर के पश्चिम में पानी एकत्रित होने लगता है। और यह पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में गहरे समुद्र में ठंडा पानी खींचता है। इसी दौरान पानी को दबाव देने वाली वायु कमजोर हो जाती है जिसके कारण पूर्व में गर्म पानी हवा वापस भेज देती है। जिसके कारण पूर्वी प्रशांत क्षेत्र अधिक गर्म हो जाता है।