नई दिल्ली: मेघालय सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि, पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में एक गैरकानूनी कोयला खदान में 13 दिसंबर से फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए नौसेना ने पांच रिमोट चालित वाहनों को काम पर लगा दिया है. न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ को प्रदेश सरकार ने बताया है कि, इस अवैध खदान से अभी तक एक करोड़ लीटर पानी बाहर निकाला जा चुका है, परंतु पास में नदी होने से इसमें हो रहा रिसाव बचाव अभियान में बधायें उत्पन्न कर रहा है. जम्मू कश्मीर में भारी बर्फ़बारी, देश के बाकी राज्यों से सड़क संपर्क टूटा इससे पहले पीठ ने प्रदेश सरकार के वकील से पुछा था कि, क्या इस तरह की अवैध खनन गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की गई है. राज्य सरकार के वकील ने न्यायालय को बताया था कि, अवैध खदान चलाने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है. अदालत ने कहा है कि वो आगे इस पहलू पर भी सुनवाई जारी रखेगा. अभी प्राथमिकता बचाव कार्यों में तेज़ी लाने है. केन्द्र की तरफ से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि खदान में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिये हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं और भारतीय वायु सेना ने आवश्यक उपकरणों और व्यक्तियों को पहुंचाने के लिये विमान तथा हेलीकाप्टर तैनात कर दिए हैं. रक्षा मंत्री पर विवादित टिप्पणी कर फंसे राहुल गांधी, राष्ट्रीय महिला आयोग ने थमाया नोटिस पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई करने के बाद इस मामले को 18 जनवरी के लिए स्थगित कर दिया है. शीर्ष अदालत अवैध कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों को बचाने के लिये तमाम आवश्यक कदम उठाने के लिए आदित्य एन प्रसाद की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इससे पहले, केन्द्र सरकार ने न्यायालय को बताया था कि मजदूरों को बचाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. खबरें और भी:- हर माह वेतन 35 हजार रु से अधिक, NIVH ने निकाली शानदार नौकरियां जीएसटी काउंसिल की बैठक जारी है, कई अहम मुद्दों पर चर्चा आज शेयर बाजार ने की सुस्त शुरुआत