नई दिल्ली : मेघालय में अवैध कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों को निकालने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई करने पर सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है. कोर्ट इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एस के कौल की पीठ के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए मामले को रखा गया था. जीएसटी पर घटी दर के बाद आज से सस्ती हो जाएंगी ये वस्तुएँ अभी भी अंदर ही है मजदूर प्राप्त जानकारी अनुसार एक जनहित याचिका में खनन में बचाव अभियानों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार करने के लिए केंद्र और संबंधित प्राधिकारियों को निर्देश दिए जाने की भी मांग की गई है. 15 मजदूर 13 दिसंबर को एक खदान में नजदीकी लैतिन नदी का पानी भर जाने के बाद से अंदर फंसे हैं. मेघालय कोयला खदान मामला: किसी अच्छी खबर की उम्मीद नहीं, पीड़ितों के परिजनों को पहुंचे चेक एनडीआरएफ ने किया खंडन जानकारी के लिए बता दें यह खदान पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में पूरी तरह से पेड़ों से ढकी एक पहाड़ी पर स्थित है. वही इससे पहले एनडीआरएफ ने उन खबरों का खंडन किया था जिनमें कहा गया था कि खदान के भीतर से आ रही दुर्गंध के कारण यह आशंका जताई जा रही है कि वहां फंसे मजदूरों की मौत हो चुकी है. एनडीआरएफ कि माने तो यह दुर्गंध खदान में गंदे पानी की वजह से भी हो सकती है क्योंकि पंपिंग की प्रक्रिया 48 घंटे से अधिक समय तक रुकी रही थी. मेघालय खदान मामला: 70 फ़ीट नीचे उतर कर भी बेरंग लौटे गोताखोर, आज खदान में उतरेगी भारतीय नौसेना मेघालय कोयला खदान मामला: मजदूरों को फंसे हुए हो गए 18 दिन, आज भारतीय नौसेना को मिले तीन हेलमेट मेघालय : खनिकों के बचाव अभियान में तेजी, आज से नौसेना भी होगी शामिल