शिलॉन्ग: मेघालय की एक स्पेशल कोर्ट ने बर्खास्त पुलिसकर्मी नुरुल इस्लाम को एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही नुरुल इस्लाम पर आठ लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस्लाम पर दो नाबालिग बहनों के साथ बलात्कार का आरोप था। इस घटना के सामने आने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया था। सोमवार (28 मार्च 2022) को कोर्ट ने इस मामले में सजा सुनाई है। पीड़ित पक्ष के वकील ने कोर्ट से नुरुल को कम से कम उम्रकैद की सजा देने की अपील की थी। एलान ईस्ट खासी हिल्स कोर्ट के जज एफ एस संगमा ने आरोपी को सज़ा सुनाई है। दुष्कर्म की यह घटना मार्च 2013 की है। उस वक़्त सब इंस्पेक्टर नुरुल इस्लाम अमपति पुलिस स्टेशन में प्रभारी था। यह थाना गारो हिल्स जिले में आता है। पीड़ित बच्चियों के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा था कि नुरुल ने 13 मार्च 2013 को उनकी 13 वर्षीय बच्ची को थाने में बुला कर बलात्कार किया। इसके बाद 31 मार्च 2013 को नुरुल ने पीड़िता के घर जा कर उसकी 17 साल की बहन के साथ बंदूक की नोक पर दुष्कर्म किया। उसने दोनों बहनों को मुँह खोलने पर फर्जी मामले में फँसाने की धमकी भी दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़ित बच्चियों के पिता की शिकायत पर वर्ष 2013 के मामले में नुरुल इस्लाम को निलंबित कर दिया गया था। बाद में उसको POCSO एक्ट के तहत अरेस्ट किया गया था। इस घटना के विरोध में मेघालय में उग्र प्रदर्शन भी हुए थे। भीड़ ने थाना घेर लिया था, इसके बाद नुरुल को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा था। इस दौरान वो पुलिस हिरासत से फरार हो गया बाद में उसको फिर से अरेस्ट किया गया। नुरुल के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। NCPCR (राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग) ने भी मेघालय सरकार से इस मामले में कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी। NCPCR ने तब नुरुल को थाने के लॉकअप में रखने की जगह आवासीय क्वार्टर में रखने और स्पेशल ट्रीटमेंट देने का इल्जाम लगाया था। पत्नी को 'टमाटर' बोला तो भड़क गया पति, 56 वर्षीय शख्स को उतार दिया मौत के घाट इरफ़ान ने डरा-धमकाकर कई बार किया नाबालिग का बलात्कार, फिर पीड़ित परिजनों को ही धमकाने लगा आरोपी परिवार कलियुगी माँ ने की अपने ही 6 वर्षीय बेटे की हत्या, फूट- फूटकर रो रहा पिता