मेघालय की टीम शनिवार को यहां संतोष ट्राफी के लिए राष्ट्रीय फुटबॉल चैम्पियनशिप के फाइनल में कर्नाटक के विरुद्ध मैदान में उतरेगी और उसका प्रयास पहला खिताब अपनी झोली में डालने की होने वाली है जबकि प्रतिद्वंद्वी टीम 54 साल में पहली बार ट्राफी हासिल करने के लिए प्रयासरत होने वाली है। खबरों का कहना है कि पूर्वोत्तर का यह छोटा सा राज्य यदि ट्रॉफी जीतता है तो यह ऐतिहासिक होगा जबकि कर्नाटक के पास इतने लंबे इंतजार को समाप्त करने का अवसर होगा। मेघालय ने अपने पहले सेमीफाइनल में एक गोल से पिछड़ने के उपरांत वापसी करते हुए पूर्व चैम्पियन पंजाब को हराकर पहली बार फाइनल में स्थान बना लिया है। कर्नाटक ने 1968-69 के सत्र में पिछली बार संतोष ट्राफी जीती थी तब उसे मैसूर बोला जा रहा है। कर्नाटक 1975-76 के फाइनल में बंगाल से हारकर उप विजेता बनी। मौजूदा चरण से पहले यह उनकी पिछली खिताबी भिड़ंत देखने के लिए मिली है। सऊदी अरब फुटबॉल महासंघ (एसएएफएफ) संतोष ट्राफी के सेमीफाइनल, फाइनल और तीसरे स्थान के मैच की मेजबानी करता हुआ दिखाई दे रहा है। फाइनल में कौन चैम्पियन बनेगा, इसकी भविष्यवाणी करना कठिन है। पूर्व चैम्पियन पंजाब और सेना फाइनल में खेलने के प्रबल दावेदार थे लेकिन मेघालय और कर्नाटक ने अपने से मजबूत प्रतिद्वंद्वियों को हराकर उलटफेर भी कर दिया है। बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचे विराट-अनुष्का, आम जनता की तरह किए दर्शन, Video इंदौर टेस्ट हारने के बाद भी पुजारा को मिला 1 लाख का इनाम, जानिए क्यों ? इंदौर टेस्ट में मिली शर्मनाक हार को लेकर टीम इंडिया पर भड़के गावस्कर, लगाई बल्लेबाज़ों की क्लास