जम्मू कश्मीर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा गठबंधन के एजेंडा से पीछे हटने के आरोपों पर रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने जवाब देते हुए कहा कि हम कभी भी अजेंडे से पीछे नहीं हटे. महबूबा ने कहा कि उनकी पार्टी पर झूठे आरोप लगाए जा रहे है. बता दें कि दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को जम्मू कश्मीर पहुंचे शाह ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर के सामानांतर विकाश का एजेंडा पूरा न होने की स्थिति में भाजपा का सत्ता में बने रहने का कोई मतलब नहीं था. अमित शाह के इस बयान पर रविवार को महबूबा ने ट्वीट के जरिए कहा कि, "गठबंधन का एजेंडा राम माधव और राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने तय किया था और इसे लेकर हमारी प्रतिबद्धता में कभी कोई कमी नहीं आई. ये देखकर दुख हो रहा है कि अपनी ही पहल से भाजपा ने पल्ला झाड़ लिया और इसके प्रति कमजोर दृष्टिकोण अपनाने का ठप्पा लगा दिया. हमने जो सुधार के कदम उठाए उनसे जमीनी स्तर पर विश्वास पैदा हुआ. इसे भाजपा ने ही माना और तारीफ की. धारा 370 में यथास्थिति बरकरार रखना हो, या पाकिस्तान-हुर्रियत के साथ बातचीत... ये हमारे गठबंधन के एजेंडा का ही हिस्सा था. जमीनी स्तर पर विश्वास हासिल करने के लिए केस वापस लेना, एकतरफा संघर्ष विराम और बातचीत की शुरुआत करना बेहद जरूरी था." पूर्व सीएम ने कहा, "जम्मू और लद्दाख से भेदभाव के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. हां, घाटी में लंबे समय से उथल-पुथल का माहौल है और 2014 की बाढ़ ने इसे सबसे बड़ा झटका दिया था. इन हालात में पूरी तरह से ध्यान दिया जाना जरूरी था, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि दूसरी जगहों पर विकास के कामों में कमी की गई. भाजपा को अपने मंत्रियों के कामों की समीक्षा करनी चाहिए, जिन्हें पिछले 3 साल तक कोई खास मतलब नहीं था और जिन्होंने कभी भी केंद्र और राज्य के स्तर पर भेदभाव की चर्चा तक नहीं की." News Track Live : दिनभर की बड़ी ख़बरें एक नजर में... इस देश की महिलाएं बोली, हमें अब मर्दों की जरूरत नहीं Saitre: बौद्धिक नेताओं का अकाल झेलता मेरा देश...