श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) सुप्रीमो और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती शुरू से केंद्र की भाजपा सरकार पर संविधान को नष्ट करने का आरोप लगाती रही हैं। इस बार महबूबा ने भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने न्यायपालिका पर जम्मू-कश्मीर में 'स्थिति' का संज्ञान न लेने का आरोप लगाया है। महबूबा मुफ्ती ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे गए अपने पत्र में कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ क्रूरता की जा रही है और उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है, मगर न्यायपालिका की तरफ से इसको लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। उल्लेखनीय है कि, इससे पहले जब इजरायल के फिल्म मेकर नदव लैपिड ने कश्मीर फाइल्स को लेकर विवादित बयान दिया था, तो महबूबा ने उनका समर्थन किया था। यानी महबूबा ने एक तरह से कश्मीर में इस्लामी आतंकियों द्वारा किए गए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को मानने से इंकार कर दिया था, अब वही महबूबा CJI को पत्र लिखकर कश्मीर पर संज्ञान न लेने का आरोप लगा रहीं हैं। इजरायल के फिल्म मेकर का समर्थन करते हुए महबूबा ने कहा था कि आखिरकार एक व्यक्ति ऐसा निकला, जिसने द कश्मीर फाइल्स पर सत्ताधारी पार्टी के प्रोपगैंडा की असलियत उजागर कर दी। महबूबा ने द कश्मीर फाइल्स पर नदव लैपिड के बयान की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह दुखद है कि, सच्चाई का मुंह बंद करने के लिए कूटनीतिक चैनल का उपयोग किया गया। बता दें कि नदव लैपिड के इस बयान के बाद भारत में इजरायल के राजदूत ने लैपिड के इस बयान को गलत बताते हुए फिल्ममेकर को फटकार भी लगाई थी। राजदूत ने कहा था कि, इज़रायल के भारत के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और इस तरह के बयान निंदनीय हैं। क्या कांग्रेस में वापस आएँगे राहुल गांधी को 'बचकाना' कहने वाले गुलाम नबी आज़ाद ? 'बुलेटप्रूफ गाड़ी में बैठकर भारत जोड़ो यात्रा कैसे करूं?', सुरक्षा में चूक पर बोले राहुल गांधी 'बिहार में लागू हो गुजरात मॉडल..', शराबबंदी पर जीतनराम मांझी ने क्यों कही ये बात ?