पुरुषों द्वारा महिलाओं पर अधिक अत्याचार होते हैं, जबकि कई मामलों में पुरुषों पर भी महिलाओं द्वारा अत्याचार के मामले सामने आए हैं. बीते कुछ समय से आंकड़ों ने उस धारणा को बदल दिया हैं जिसके हिसाब से सिर्फ महिलाए घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं. सिक्के का दूसरा पहलु ये भी हैं कि पुरुषों को भी घर या समाज में किसी न किसी प्रकार की शारीरिक, मानसिक या आर्थिक हिंसा का सामना करना पड़ रहा हैं. कई बार तो इन समस्याओं से परेशान हो कर पुरुष आत्महत्या जैसा कदम उठाने को भी मजबूर हो जाते हैं. कानून का दुरूपयोग भी हो रहा हैं और इस बात को अब स्वीकार भी किया जा रहा हैं. अधिकतर मामलों के बारे में बताए तो पुरुषों की बात कोई सुनता ही नहीं, हर जगह सिर्फ महिला की बात को ही माना जाता हैं. दहेज़ के झूठे मामलों को अगर एक तरफ रख दिया जाए तो पुरुष घर के अंदर मारपीट और पैसे छीने जाने वाले मामलों के भी शिकार हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान निर्देश दिए थे कि धारा 498 [ए] के दुरूपयोग की बढ़ती शिकायतों के कारण पुरुषों की प्राथमिकी भी दर्ज की जाना चाहिए. ये भी पढ़े लड़के ये बात नहीं बताते लड़कियों को लड़कियां ये झूठ कहती है अपने बॉयफ्रेंड से लड़कियां आखिर क्यों पसंद करती है ज्यादा हाइट वाले लड़के को