Menstrual Activism महिलाओ के लिए किसी अपराध से कम नहीं है. इसे अब तक दुनिया में निषेध ही समझा जाता है. लेकिन अब पीरियड्स के लिए महिलाये खुलकर अपनी बात सामने रखने लगी है. सोशल मीडिया पर Menstrual Activism के taboo को तोड़ने के लिए एक लहार सी चल रही है. सोशल मीडिया पर 1960 के Women’s Liberation आंदोलन से Menstrual Activism की तुलना की जा रही है. अब सभी महिलाये पीरियड्स को लेकर खुलकर अपनी बाते बोल रही है. पहले इस पर किसी भी महिला का बोलना किसी अपराध से कम नहीं माना जाता था, लेकिन अब महिलाये भी अपने हक़ की आवाज उठाने लगी है. इतना ही नहीं बड़ी संख्या में अब महिलाये पीरियड्स ट्रैक वाली apps डाउनलोड करने लगी है. Idag sätts mina bilder "The Night Garden" upp på Slussens T-banestation, som en del av SL:s "Konstväxlingar" - kommer vara guidad vernissage på torsd den 28 nästa vecka, mer info kommer! Tack @kimwandersson för foto!! A post shared by Liv Strömquist (@leifstromquist) on Sep 20, 2017 at 7:05am PDT इस केम्पेन के कार्यकर्ताओ का मानना है कि वे महिलाओ की इस मुद्दे से जुडी शर्म को ख़त्म करना चाहते है. उनका मानना है कि शर्म से ज्यादा महिलाओ का इसके प्रति जागरूक होना है. और अब सोशल मीडिया पर इसके लिए स्पेशल इमोजी भी बनाये जा रहे है. दो साल पहले इंस्टाग्राम से कैनेडियन कवयित्री रूपी कौर की पीरियड्स में दाग लगने वाली फोटो को हटाने के लिए इंस्टाग्राम की जमकर आलोचना की गई थी. लेकिन रूपी के 1.8 मिलियन फॉलोवर ने उनका इस मामले में समर्थन किया था. रूपी ने कहा भी था कि, छोटे कपड़ों में महिलाओं की तस्वीरें Instagram पर खूब मिल जाती हैं, लेकिन पीरियड के दाग दुनिया को अश्लील लगते हैं. इस केम्पेन के जरिये महिलाओ को पीरियड्स में होने वाली समस्या को ख़त्म करना, पीरियड्स के बारे में खुलकर बात करना, इसके प्रति जागरूकता फैलाना, पीरियड्स को लेकर रुडीवादी सोच होना आदि इन सभी समस्याओ को ख़त्म करना है. लेटेस्ट फोटो में काफी खुबसूरत लग रही हैं प्रियंका चोपड़ा चॉपस्टिक से खाने वालों की सच्चाई कुछ ऐसी ही होती है एक की ही कीमत पर डबल खाने की लॉटरी, देखे फोटोज