बुध देव सूर्य के समीपस्थ के ग्रह हैं। उूर्जावान तथा प्रकृति प्रिय हैं। हरे कलर के कारक ग्रह हैं। हरा कलर तरक्की का रंग है। व्यक्तियों को जोड़ने का रंग है। अपने हक़ के लिए संघर्ष करने का रंग है। बुध इन सभी गुणों में मददगार हैं। बुध का ध्यान मंत्र बुधवार को सूर्याेदय के पश्चात् पहली घटी मतलब 24 मिनट होने से पहले मंत्र का उच्चारण कर ध्यान में बैठें। मन में मंत्र का पाठ करते रहें। आहिस्ता-आहिस्ता मंत्र पर सहजता आएगी तथा ध्यान प्रबल होगा। ध्यान मंत्र- पीतमाल्यांबरधरः कर्णिकार समद्युतिः। खड्गचर्मगदापाणिः सिंहस्थो वरदः बुधः।। बुध पर प्रभु श्री गणेश की खास कृपा रहती है। गणेश जी पर हरी वस्तुएं, फल पत्ते तथा दूब चढ़ाएं। पान के पत्तों का हार गणेश जी को चढ़ाने से बुध बलवान होते हैं। बुध देव पर लक्ष्मी जी कृपा रहती है। वे देवगुरु बृहस्पति के पुत्र माने जाते हैं। गुरु पुत्र होने से माँ लक्ष्मी उन पर खुश रहती हैं। करियर व्यवसाय में बुध की शुभता अत्यंत फलदायी होती है। बुध कुमार ग्रह हैं। उन्हें सभी से समावेश करते हुए आगे बढ़ना आता है। चंद्रमा के प्रिय हैं। कुंडली बुधादित्य योग से अहम कार्य बनते हैं। ध्यान मंत्र का पाठ लगातार बनाए रखने से कारोबार समस्यां स्वतः दूर होती हैं। शुभ प्रस्तावों में रफ़्तार आती है। रुके हुए काम आगे बढ़ते हैं। मनुष्य वाक्पटु होता है। सब उसकी बात को ध्यान से सुनते हैं। ग्रह के मुताबिक करें भोजन का चयन, कुंडली बताती है क्या खाना होगा उचित... बाल ब्रह्मचारी होने के बाद भी हनुमान जी ने की थी 3 शादियां, जानिए कौन है उनकी 3 पत्नियां? घर की इस दिशा में जलाएं दीपक, नहीं होंगे कभी गरीब