वॉशिंगटन : ब्रम्हांड की तरह खगोलीय घटनाएं भी विचित्र होती है, इसमें अनगिनत रहस्य छुपे होते है। बुध यानि मरक्यूरी 9 मई को सूर्य़ के सामने गुजरेगा। ऐसी घटना 100 साल में केवल 13 बार ही होती है। अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में इसे टेलीस्कोप के जरिए देखा जे सकेगा। बुध सोलर सिस्टम का सबसे छोटा और सूर्य के सबसे करीब रहने वाले ग्रह है। जहां धरती सूर्य का चक्कर 365 दिनों में लगाती है, वहीं बुध इसे 88 दिनों में ही पूरा कर लेता है। इससे पहले 2006 में ऐसी घटना हुई थी और इसके बाद 2019 में ऐसा दोबारा होगा। बुध की ऑर्बिट कुछ झुकी हुई है। इसी कारण वह पृथ्वी के ऊपर या नीचे सूर्य का चक्कर लगाता है। जब पृथ्वी की कक्षा को काटता है, तभी वह अपने ऑर्बिटल प्लेन को भी काटता है। ऐसा सिर्फ 100 साल में 13 बार होता है। 9 मई को भारत में बुध शाम 5 बजे से रात 12 बजे तक सूर्य के सामने से गुजरता दिखाई देगा। इस दौरान वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश करेंगे कि स्टार्स और प्लेनेट स्पेस कैसे मूव करते है। नासा ने इसके अध्ययन के लिए 3 टेलीस्कोप लगा रखे है। नासा के प्रोग्राम मैनेजर लुई मेयो ने बताया कि स्पेस में जब दो प्लेनेट या स्टार्स नजदीक आते हैं तो साइंटिस्ट्स काफी एक्साइटेड होते हैं। इससे हमें काफी कुछ जानने-समझने का मौका मिलेगा। बुध के ट्रांजिट से वहां के एटमॉस्फियर को जानने में मदद मिलेगी। बुध का वायुमंडल काफी पतला है, इससे गैस वहां रुक ही नहीं पाती और बुध बेहद ग्रम प्लेनेट है।