नई दिल्ली : खबर का शीर्षक पढ़कर एक बारगी चौंकना स्वाभाविक है, क्योकि यह दो सामान्य ट्रेनों की नही, बल्कि दो मेट्रो ट्रेनों की टक्कर का मामला है. गनीमत यह रही कि यह ट्रेन ट्रायल वाली थी और नई लाइन पर चल रही थी. वरना हादसे की भयावहता की कल्पना नहीं की जा सकती है. हालाँकि दिल्ली मेट्रो प्रशासन इस घटना से इंकार कर लीपापोती करने में जुटा हुआ है. फिर भी इस घटना ने मेट्रो परिचालन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान तो लग ही गया है. घटना के बारे में बता दें कि कि तीसरे चरण की मेट्रो जनक पुरी-बोटेनिकल गार्डन लाइन पर मेट्रो का ट्रायल रन चल रहा था. इसी दौरान मेट्रो कलिंदी कुंज डिपो में जा रही थी. उसी दौरान दूसरी लाइन पर भी एक और मेट्रो डिपो की तरफ ही आ रही थी, तभी दोनों ट्रेन आपस में टकरा गईं. सूत्रों के अनुसार एक मेट्रो को फॉलिंग मार्क(रुकने वाली जगह) पर रुकने के लिए बोला गया था और उसको सिग्नल भी दिए गए थे, लेकिन वह फॉलिंग मार्क को पार कर गई. इसी दौरान दूसरी मेट्रो भी आ रही थी और एक-दूसरे को रगड़ती हुई चल पड़ी. हालाँकि इस इस जानलेवा लापरवाही से मेट्रो प्रशासन सकते में है, क्योंकि यदि यात्रियों से भरी हुई मेट्रो में ऐसी घटना होती तो इससे होने वाले नुकसान की कल्पना आसान नहीं है. बता दें कि इसके पूर्व जहांगीरपुरी-हुडा सिटी सेंटर रूट पर मेट्रो ट्रेन खुले दरवाजे के साथ चल पड़ी थी. मेट्रो के रखवाले होंगे जाबांज पूर्व सैनिक