फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक अहम जानकारी दी है. जिसके अनुसार ईरान ने करीब एक साल से कैद फ्रांस के एक शोधकर्ता को रिहा कर दिया है. फ्रांस ने शोधकर्ता रोलैंड मार्शल (64) की सहयोगी फरीबा अडेल्खा को भी जल्द रिहा करने का ईरान से अनुरोध किया है. फ्रांसीसी शोधकर्ता की रिहाई शुक्रवार को फ्रांस से ईरानी इंजीनियर की रिहाई के बदले की गई है. फ्रांस पिछले कई महीनों में मार्शल और उनकी सहयोगी फरीबा (60) की रिहाई की मांग कर रहा था. कोरोना से जंग, ब्रिटेन में कैफे, बार सब बंद, पीएम जॉनसन ने किया ऐलान आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इन दोनों को 2019 में ईरान के खिलाफ षडयंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इनके खिलाफ चालू मार्च महीने में अदालत में सुनवाई भी शुरू हो गई थी. फरीबा के पास ईरान और फ्रांस की दोहरी नागरिकता है लेकिन ईरान उसे अपनी ही नागरिक मानता है. फरीबा शिया मुस्लिमों के धार्मिक मामलों की विशेषज्ञ हैं. ईरान ने हाल के महीनों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के साथ भी कैदियों की अदला-बदली की है. मार्शल शनिवार को देर रात तक फ्रांस पहुंच जाएंगे. कोरोना से अमेरिका में 22 लाख और ब्रिटेन में 5 लाख लोगों की मौत ! रिपोर्ट का खौफनाक अनुमान वही,कानूनी मामलों की ईरान की समाचार सेवा मिजान के मुताबिक मार्शल की रिहाई से पहले शुक्रवार को फ्रांसीसी जेल से ईरानी नागरिक जलाल रोहोल्लानेजाद की रिहाई हो चुकी है. एक साल से फ्रांस की जेल में बंद इंजीनियर जलाल पर ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को तोड़ने का आरोप था. फ्रांस की अदालत ने बीती 11 मार्च को जलाल को अमेरिका प्रत्यर्पण करने का आदेश दिया था लेकिन सरकार ने कोर्ट के आदेश को बदलते हुए ईरानी इंजीनियर को रिहा कर दिया. ईरानी समाचार एजेंसी ने इसे फ्रांस के सहयोगी होने का सुबूत बताया है. कोरोना से बचाव के लिए पीएम इमरान को मिली खास सलाह कोरोनावायरस : पाकिस्तान में इस दिन तक विमान सेवा हुई बंद कोयला खदान में हुआ जोरदार धमाका, इतने लोगों ने गवाई जान