वाशिंगटन: अमेरिका से गहरे विवाद के बीच ईरान ने घोषणा की है कि वह जल्‍द ही अपने एक नए उपग्रह को प्रक्षेपित करने वाले. हालांकि, इस उपग्रह का सेना को कोई लाभ मिलेगा या नहीं इसे नहीं रेखाकिंत किया गया है.ईरान ने अपने नए उपग्रह का ऐलान ऐसे समय किया है, जब अमेरिका और ईरान के बीच संघर्ष चरम पर है. दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात हैं. जंहा इस बात का पता चला है कि ऐसे में ईरान ने इस उपग्रह को प्रक्षेपित करने का एलान कर अमेरिका को यह संदेश दिया है कि उसके विकास में यह तनाव कहीं भी बाधा नहीं है. मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि देश की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख मोर्टेजा बेरारी ने कहा कि उपग्रह का निर्माण तीन साल पूर्व शुरू किया गया था. वहीं 80 ईरानी वैज्ञानिकों ने मिलकर इस मिशन को अंजाम दिया है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने इस उपग्रह को इस तरह से डिजाइन किया है कि यह 18 महीने से अधिक समय तक टिका रहे. 113 किलोग्राम के इस उपग्रह को पृथ्वी से 530 किलोमीटर (329 मील) दूर एक सिमोर्ग रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा. जंहा बेरारी ने कहा कि इसका प्राथमिक मिशन इमेजरी एकत्र करना होगा. उन्‍होंने कहा कि उपग्रह प्राकृतिक आपदाओं को लेकर सतर्क करेगा. यह भूकंपों का अध्‍ययन करेगा. कृषि को विकसित करने के लिए वह डेटा सुलभ कराऐगा. लेकिन ईरान के स्‍पेश साइंस के लिए यह ऐतिहासिक कदम होगा. बेरारी ने कहा कि इसके पूर्व भी ईरान ने एक उपग्रह को पृथ्वी से 250 किमी (155 मील) ऊपर कक्षा में रखने में कामयाब रहा था. 47 साल बाद यूरोपीय संघ से बाहर हुआ ब्रिटेन, जानिए भारत पर क्या पड़ेगा असर इमरान खान ने CAA पर कही बेतूकी बात, कहा-50 करोड़ मुसलमानों को बाहर... कोरोनावायरस: चीन से भारतियों की वापसी जारी, अब तक दिल्ली पहुंचे 323 यात्री