इराक : अमेरिकी सैन्य अड्डे पर खतरनाक रॉकेट से हमला, जानिए मौत का आकड़ा

गुरुवार की रात रॉकेट से इराक के दूरस्थ क्षेत्र किरकुक में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला हुआ था. हालांकि, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. इराकी और अमेरिकी सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि 27 दिसंबर के बाद के-1 बेस पर यह पहला हमला है.27 दिसंबर को लगातार 30 रॉकेट दागे गए थे और उसमें एक अमेरिकी कॉन्ट्रैक्टर की मौत हो गई थी. अमेरिका ने इस हमले का आरोप कतीब हिजबुल्ला पर लगाया था. कतीब हिजबुल्ला इराकी सेना का एक धड़ा है जो ईरान के करीब माना जाता है. इसके बाद अमेरिका ने बदले की कार्रवाई करते हुए कतीब हिजबुल्ला के 25 लड़ाकों को मार गिराया था. इसके बाद उसने ईरान के सैन्य जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था.

पाकिस्‍तान में सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल, अज्ञात लोगों ने किया बड़े अधिकारियों को अगवा

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अमेरिका की तमाम चेतावनियों के बावजूद इराक में उसके ठिकानों पर हमले थम नहीं रहे हैं. कुछ दिन पहले ही बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास के नजदीक कई रॉकेट आकर दागे गए थे. टिगरिश नदी के पश्चिमी किनारे से धमाकों की आवाजें सुनीं जहां कई देशों के दूतावास स्थित था. सुरक्षा सूत्र ने बताया था कि उच्‍च सुरक्षा वाले जोन में तीन कोत्‍युशा रॉकेट गिरे जबकि दूसरे सूत्र ने बताया कि इलाके में पांच रॉकेटों Katyusha rockets से हमले किए गए थे.

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था इस वजह से हुई स्लोडाउन

बीते महीने एक अभियान के तहत अमेरिका ने जनरल सुलेमानी को अपने MQ-9 रीपर ड्रोन से तब निशाना बनाया था जब उनका काफिला बगदाद में आगे बढ़ रहा था. जनरल की हत्या के बाद ईरान और अमेरिका के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए थे. ईरान ने बदले की कार्रवाई में इराक स्थित दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया और अमेरिका से जवाब मिलने पर संयुक्त अरब अमीरात के दुबई और इजरायल के हाफिया पर को निशाना बनाने की धमकी दी थी.

क्या माइक्रोसॉफ्ट सीईओ 'सत्या नडेला' का भारत दौरा होगा सफल?

कासिम सुलेमानी की मौत के बाद नाटो ने सुरक्षा को लेकर उठाया महत्वपूर्ण कदम

ऑस्ट्रेलिया के जंगलों की आग को प्रकृति ने बुझाना किया शुरू

Related News