बार-बार परेशान कर रहा है माइग्रेन का दर्द, तो ऐसे पाएं राहत

लगातार काम करते रहने से कई बार तनाव का स्तर बढ़ जाता है, जो शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और तेज दर्द का कारण बन सकता है। सिरदर्द एक आम समस्या है, लेकिन कई बार यह माइग्रेन का संकेत भी हो सकता है। माइग्रेन एक ऐसी स्थिति है जिसमें सिर के किसी विशेष हिस्से में तीव्र दर्द होता है और यह व्यक्ति के सामान्य कार्यों को बाधित कर सकता है। अगर आप बार-बार सिर में तेज दर्द महसूस कर रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस लेख में जानिए कि माइग्रेन क्या है, इसके प्रमुख कारण, और इससे राहत पाने के कुछ आयुर्वेदिक उपाय।

माइग्रेन के लक्षण और कारण माइग्रेन के सामान्य लक्षण जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, माइग्रेन के सबसे सामान्य लक्षणों में उल्टी आना, चक्कर महसूस होना और किसी भी काम में ध्यान न दे पाना शामिल हैं। माइग्रेन का दर्द अक्सर सिर के एक तरफ होता है, हालांकि यह पूरे सिर में भी फैल सकता है। माइग्रेन के दौरान तेज़ रोशनी और तेज़ आवाज़ से भी व्यक्ति को असहजता महसूस हो सकती है।

माइग्रेन के कारण डायटीशियन रमिता कौर के अनुसार, कई बार शरीर में हार्मोनल बदलाव भी माइग्रेन का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, तनाव, अनियमित खान-पान, नींद की कमी, और अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी माइग्रेन को बढ़ावा दे सकते हैं। जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है, उन्हें भी माइग्रेन की समस्या अधिक होती है। इन सभी कारणों से सिर में दर्द शुरू हो सकता है और यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह समस्या गंभीर हो सकती है।

माइग्रेन में राहत पाने के आयुर्वेदिक उपाय आयुर्वेद में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जो माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये उपाय न केवल दर्द में राहत देते हैं बल्कि शरीर को भी स्वस्थ बनाते हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक उपाय:

1. त्रिफला का सेवन करें त्रिफला, जो आंवला, बहेड़ा और हरड़ का मिश्रण होता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक है। त्रिफला के नियमित सेवन से माइग्रेन के दर्द में कमी आ सकती है। त्रिफला पाउडर को गर्म पानी के साथ रात को सोने से पहले एक चम्मच लेने से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

2. ब्राह्मी की चाय ब्राह्मी का उपयोग आयुर्वेद में मानसिक शांति और पित्त दोष को संतुलित करने के लिए किया जाता है। माइग्रेन के दर्द में राहत पाने के लिए ब्राह्मी की चाय का सेवन फायदेमंद हो सकता है। ब्राह्मी चाय शरीर की गर्मी को शांत करने में मदद करती है, जिससे माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है। इसे रात के समय लेना सबसे प्रभावी माना जाता है।

3. नारियल पानी का सेवन नारियल पानी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करने में मदद करता है और हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करता है। यह डिहाइड्रेशन को दूर करने में भी सहायक है, जो माइग्रेन का एक आम कारण हो सकता है। सप्ताह में तीन बार नारियल पानी का सेवन माइग्रेन के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है। यह प्राकृतिक उपाय न केवल माइग्रेन बल्कि शरीर को भी पोषण प्रदान करता है।

अन्य सुझाव माइग्रेन से राहत पाने के लिए कुछ और सुझाव भी मददगार हो सकते हैं: ध्यान और योग: तनाव को कम करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें। यह मानसिक शांति प्रदान करता है और शरीर के विभिन्न अंगों को संतुलित रखता है। पर्याप्त नींद लें: रोजाना 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लेने से माइग्रेन का खतरा कम हो सकता है। स्वस्थ आहार का सेवन करें: अपने आहार में ताजे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल करें, जो शरीर को पोषक तत्व प्रदान करते हैं और माइग्रेन से राहत में सहायक होते हैं। हाइड्रेटेड रहें: पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो और माइग्रेन के लक्षणों से बचा जा सके।

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