शुक्रवार को ग्रीस ने प्रवासियों को पीछे घकेलने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े. इस समय ग्रीस और तुर्की सीमा पर प्रवासियों को लेकर संघर्ष जारी है. तुर्की द्वारा यूरोप के साथ अपनी पहले से तय की गई सीमाएं खुल जाने के बाद हज़ारों प्रवासी और शरणार्थी देश की पूर्वी भूमि और समुद्री सीमाओं के माध्यम से ग्रीस में जाने की कोशिश कर रहे हैं. Womens T20 World Cup Final: भारत के खिलाफ खेलने से 'नफरत' करती है ये ऑस्ट्रेलियाई पेसर इस मामले को लेकर महीनों की धमकियों के बाद तुर्की के राष्‍ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा है कि अब उनका देश यूरोपीय देशों के द्वारपाल की भूमिका नहीं निभाएंगा. उन्‍होंने यूरोपीय देशों से इन शरणार्थियों की देखरेख की मांग की है. तुर्की राष्‍ट्रपति ने कहा उनका बोझ यूरोपीय देशों पर भी पड़ना चाहिए. हालांकि, यूरोपीय संघ का कहना है कि शरणार्थियों को अपनी जमीन पर रखने के लिए तुर्की को बदले में अरबों यूरो का भूगतान किया जाता रहा है. तुर्की उसी समझौते का पालन कर रहा है. प्रवासियों को लेकर तुर्की के इस रूख ने यूरोपीय सरकारों को चिंता में डाल दिया है. दो साल से पौधे को पानी दे रही थी महिला, गमला टूटने पर ये सच आया सामने आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एर्दोगन ने सीमा को खोलने के लिए सीरिया के उत्तर-पश्चिमी इदलिब प्रांत में एक सीरियाई सरकार के खिलाफ कदम उठाया, जहां तुर्की की सेना लड़ रही है. रूस समर्थित आक्रमण ने तुर्की के दर्जनों सैनिकों को मार डाला है और लगभग दस लाख सीरियाई नागरिकों को तुर्की की सीमांकित सीमा की ओर भेज दिया है. उधर,तुर्की राष्‍ट्रपति एर्दोगन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुए संघर्ष विराम लागू होने के बाद इदलिब के आसमान में रूसी और सीरियाई सरकार के युद्धक विमानों की पूर्ण अनुपस्थिति देखी गई. इजरायल: साल में तीसरी बार हुए चुनाव, इस बार भी बहुमत से चुके बेंजामिन नेतन्याहू कोरोना को लेकर सऊदी अरब में खौफ, ईरान यात्रा को लेकर जारी की चेतावनी कोरोना वायरस: UK में पहली मौत, अमेरिका में 12 मरे, जारी हुआ 6.3 बिलियन डॉलर का फंड