पटना : समाज और देश के विकास के लिए युवाओं को राजनीति में भी कदम बढ़ाने का आह्वान करते हुए भाजपा सांसद एवं युवा चिंतक वरुण गांधी ने कहा कि आर्थिक असमानता के खिलाफ भी युवा आवाज़ उठाएं .जिस लोकसभा सांसद की औसत संपत्ति 15 करोड़ व राज्यसभा सदस्य की 20 करोड़ रुपये है, वे मासिक वेतन न लें. बल्कि इस राशि को विकास में खर्च किया जाए. यह बात भाजपा सांसद वरुण गाँधी ने बिहटा के अमहरा स्थित नेताजी सुभाष चंद्र इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनएसआइटी) में आइडिया फॉर न्यू इंडिया विषय पर आयोजित व्याख्यान में कही. वरुण ने तकनीकी युग में सोशल नेटवर्किंग के जरिए माहौल बदलने पर जोर देते हुए कहा कि आर्थिक असमानता के खिलाफ भी युवा आवाज उठाएं. आजादी के 70 वर्ष बाद भी अमीर व गरीब के बीच की खाई बढ़ती जा रही है.उन्होंने युवाओं से होटल, रेस्तरां आदि से बचे भोजन को एकत्र कर उसकी प्रोसेसिंग करने के बाद गरीबों के बीच वितरण करने का भी सुझाव दिया. बता दें कि वरुण गाँधी ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए निगरानी कमेटी गठित कर सरकार से पारदर्शिता के लिए विकास कार्यों पर खर्च की गई राशि का ब्योरा ऑनलाइन जारी करने का सुझाव दिया, ताकि भ्रष्टाचार परअंकुश लग सके.इस मौके पर उन्होंने पर्यावरण के प्रति भी चिंता प्रकट की और पौधारोपण पर जोर देकर वातावरण को स्वच्छ बनाने की अपील की. उन्होंने युवाओं को देश की इस विडंबना से भी परिचित कराया कि 12 से 14 घंटे तक काम करने वाले मीडियाकर्मी, अभियंता और डॉक्टरों को उचित मेहनताना नहीं मिलता है. यह भी देखें सांसदों द्वारा खुद वेतन निर्धारित करना नैतिकता का मुद्दा - सुप्रीम कोर्ट आप विधायक ने की मोदी की तारीफ