दिलीप सिंह की रिपोर्ट अलीराजपुर। प्रदेश के अनुसूचित जाती कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रदेश मंत्री मंडल से त्याग पत्र देने की बात कही है। नागर सिंह चौहान ने आज इस प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए बताया की प्रदेश सरकार ने उनके पास से वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का कार्यभार छीन लिया है। जिससे आदिवासी सम्मान को ठेंस पहुंची है। नागर सिंह चौहान का कहना है की अलीराजपुर, झाबुआ, धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, रतलाम आदि क्षेत्रों के आदिवासी समाज के लोगों को उनसे काफी उमीदे है। लेकिन प्रदेश सरकार ने बिना उनसे चर्चा किए उनका पद उनसे लेकर अन्य को दे दिया। जिससे आदिवासी सम्मान को ठेंस पहुंची है और आदिवासी क्षेत्र में उनकी साख को भी धब्बा लगा है। नागर सिंह चौहान ने कहा की मामले में वे पार्टी के आला पधाधिकारियों से चर्चा करेंगे और आवश्यक हुआ तो वे स्वयं मंत्री पद से इस्तीफा देंगे और उनकी पत्नी अनीता नागर सिंह भी रतलाम संसदीय सीट से अपना इस्तीफा देंगी। ज्ञातव्य है की कल प्रदेश मंत्रिमंडल में परिवर्तन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नागर सिंह चौहान से वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को वापस लेकर कांग्रेस से आए रामनिवास रावत को वन मंत्री बना दिया है। जिससे मंत्री नागर सिंह चौहान खासे नाराज दिखाई दे रहे है। मंत्री नागर सिंह चौहान के इस कदम से भाजपा की प्रदेश राजनीती में सियासी हलचल मच गई है। देखना होगा पार्टी इस मामले को किस तरह से देखती है। '10 दिन के अंदर नेम प्लेट टांग लें', बागेश्वर धाम के सभी दुकानदारों को धीरेंद्र शास्त्री का अल्टीमेटम केरल में फिर निपाह वायरस की दहशत, स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने ली उच्च स्तरीय बैठक विक्की कौशल की 'बैड न्यूज' की शानदार शुरुआत, पहले दिन किया 8.50 करोड़ रुपये का कलेक्शन