नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सफाई दी है कि माइक्रोब्लॉगिंग ऐप Koo में चीनी कंपनी का निवेश नियम के अनुसार है और इस ऐप को देश में ही विकसित किया गया है. दरअसल, हाल के दिनों में Koo app काफी चर्चा में आया, जब इससे काफी सारे सरकारी विभाग और सेलेब्रिटी जुड़ने लगे. इसे ट्विटर का देसी संस्करण बताया जाने लगा. किन्तु इस एप पर विवाद तब शुरू हुआ, जब यह खबर फैली कि इस ऐप की पैरेंट कंपनी Bombinate टेक्नोलॉजी में चीन की कंपनी Shunwei कैपिटल ने निवेश किया है. हालांकि कंपनी में उसका निवेश 9 प्रतिशत से भी कम है. दरअसल, लोकसभा में यह सवाल पुछा गया था कि सरकार को क्या इस बारे में पता है कि Koo ऐप की पैरेंट कंपनी में एक चीनी फर्म ने निवेश किया है? इस सवाल के लिखित जवाब में बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री संजय धोतरे ने कहा कि 17 अप्रैल, 2020 के पहले IT कंपनियों में ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी निवेश की अनुमति थी. यह निवेश उसके पहले हुआ था, इसलिए नियम के अनुसार है. 17 अप्रैल, 2020 को सरकार एक नई अधिसूचना लेकर आई, जिसके अनुसार पड़ोसी देशों से आने वाले FDI के लिए सख्त जांच की व्यवस्था की गई. बता दें कि इस ऐप के प्रमुख निवेशकों में पूर्व क्रिकेटर जवागल श्रीनाथ, बुक माय शो के फाउंडर आशीष हेमराजानी, उड़ान के को-फाउंडर सुजीत कुमार, फ्लिपकार्ट के CEO कल्याण कृष्णमूर्ति और जेरोधा के फाउंडर निखिल कामत का नाम हैं. विवादों में घिरे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, कई स्टार महिलाओं ने लगा डाले ये आरोप भारतीय मूल के विशेषज्ञ पर अमेरिकी संघीय अदालत में लगा साइबरस्टॉकिंग का आरोप पाकिस्तान को चीन से मिला कोरोना वैक्सीन का दूसरा बैच