भारत की मौजूदा सरकार ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को अपनी डायरी और कैलेंडर का प्रकाशन बंद करने का आदेश दिया है. इससे धन की फिजूलखर्ची होती है. इसके स्थान पर सूचना एवं प्रसारण विभाग की तरफ से प्रकाशित डायरी व कैलेंडरों का इस्तेमाल किया जा सकता है. फिजूलखर्ची के साथ-साथ इससे पेड़ों को भी काफी नुकसान होता है. जानिए आखिर क्यों मनाया जाता है world wildlife day आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने पिछले महीने मंत्रालयों का नेतृत्व कर रहे सभी संबंधित सचिवों को नए आदेश का कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश दिया था. इस संबंध में लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत ब्यूरो ऑफ आउट्रीच एंड कम्युनिकेशन (बीओसी) की जिम्मेदारी सरकारी कैलेंडर एवं डायरी का प्रकाशन कर मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सशुल्क उपलब्ध कराने की है. 70 देशों में कोरोना से मचा कोहराम, मरने वालों की संख्या हुई 3000 इस मामले को लेकर शीर्ष नौकरशाह ने लिखा, 'हालांकि, यह देखा गया है कि विभिन्न मंत्रालय, विभाग, सार्वजनिक उपक्रम एवं उनके प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले संगठन बीओसी की ओर से की गई आपूर्ति के अलावा कैलेंडर, डेस्क कैलेंडर और डायरी का प्रकाशन कर रहे हैं. इससे दोहराव हो रहा है और पैसे की फिजूलखर्ची हो रही है.' ऐसे में हो सकता है कि आपको विभिन्‍न मंत्रालयों की अलग-अलग डायरी और कैलेंडर आने वाले सालों में न दिखाई दें. आज संसद में मिलेंगे पीएम मोदी और केजरीवाल, दिल्ली हिंसा पर हो सकती है चर्चा हिंदुत्व पर अभद्र टिप्पणियां करना ऑस्ट्रेलिया के कोषाध्‍यक्ष को पड़ा भारी, भड़क उठी हिन्दू जाति सिरफिरे गार्ड ने लोगों पर किया गोली से हमला, 30 से अधिक को उतारा मौत के घाट