लखनऊ. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने मिन्त्रा डॉट कॉम पोर्टल के उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने मामले में 18 अभियुक्तों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. इनमें 7 महिलाएं शामिल हैं. छापे के दौरान कॉल सेंटर से एमेजॉन व अन्य शॉपिंग वेबसाइट के ग्राहकों का भी डेटा मिला है. कुछ समय पहले मिन्त्रा आॅनलाइन के नेशनल नोड सिक्योरिटी अफसर की तरफ से यूपी एसटीएफ को सूचित किया गया है कि एक गैंग उनके उपभोक्ताओं को संपर्क कर उनसे धोखाधड़ी कर रहा है. मामले में एसटीएफ एसएसपी अभिषेक सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी को जांच सौंपी. जांच में पता चला कि ये लोग उपभोक्ताओं को कॉल करते थे और उन्हें ईनाम की लालच देते थे. एएसपी डॉ.अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि इस रैकेट के शिकार पूरे देश में हैं. इस ठगी की शिकायत मिंत्रा ऑनलाइन के नैशनल नोडल सिक्यॉरिटी अफसर ने एसटीएफ को दी थी. एसटीएफ ने ग्राहकों को की गई कॉल के जरिए मोबाइल नम्बर, कॉल आने की तारीख, समय, नाम, पैसा जमा करवाने के लिए दिए गए खाता संख्या की जानकारी जुटाई. मिन्त्रा के टोलफ्री नंबर पर ऐसी करीब 7139 शिकायतें आईं, जिनमें 590 उपभोक्ताओं से 31 लाख रुपए से ज्यादा धोखाधड़ी कर जमा करा लिए गए थे. इसके बाद जांच में एसटीएफ को पता चला कि बाकायदा कॉल सेंटर बनाकर ये फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. इसके बाद एसटीएफ ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से द्वारिका स्थित काल सेंटर पर रेड की और यहां से 18 लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें 7 युवतियां शामिल हैं. पता चला कि ये लोग कॉल करके उपभोक्ताओं को मोबाइल फोन से लेकर टाटा सफारी ईनाम में निकलने की बात कहकर फंसाते थे और पैसे हड़प लेते थे. अरविंद चतुर्वेदी के अनुसार गैंग का मुखिया योगेंद्र चौधरी और उसका भाई संदीप चौधरी हैं, यह फरार है. योगेंद्र तीन साल से यह कॉल सेंटर चला रहा था. उसने ही मिंत्रा का डाटा लीक करवाया था. छापे में 26 फोन, एक लैपटॉप, मिंत्रा का 280 पेज का डाटा, आठ बैंक खातों का ब्योरा, मिंत्रा-अमेजन के डेटा के स्क्रीन शॉट मिले हैं. सुहागरात पर पत्नी की कहानी सुनकर गुस्साया पति ब्लड कैंसर पीड़िता से मदद के नाम पर दोस्त ने किया दुष्कर्म मानव तस्करी: महिला और उसकी बच्ची को बेंचा