चर्चा के लिए अपनाएँ वाजपेयी का फाॅर्मूला : मीरवाइज़

जम्मू कश्मीर। कश्मीरियों के धार्मिक नेता और अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक केंद्र सरकार से चर्चा करना चाहते हैं। वे केंद्र सरकार के साथ बिना शर्त चर्चा के लिए तैयार हो गए हैं मगर उन्होंने कहा कि, यदि चर्चा वाजपेयी सरकार के फाॅर्मूले के आधार पर होगी तो फिर, इसकी सफलता की गुंजाइश अधिक होगी। मीरवाइज ने कहा कि, यदि पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के फाॅर्मूले के आधार पर चर्चा होगी तो इसकी सफलता अधिक होगी।

1990 में हिज्बुल मुजाहिदीन के हाथों अपने पिता मीरवाइज फारूक की हत्या के बाद 16 बरस की उम्र में मीरवाइज बने उमर फारूक कहते हैं, सरकार को सिर्फ इतना करने की जरूरत है कि, वह उस समय वाजपेयी सरकार की पुरानी फाइलों का अध्ययन करे, वाजपेयी ने जो फाॅर्मूला दिया था, उसके तहत विभिन्न पक्षों को शामिल कर लिया गया था। दूसरी ओर नईदिल्ली के साथ ही इस्लामाबाद व पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में उनके समकक्षों के साथ संवाद की अनुमति दिए जाने का उल्लेख किया गया था।

हालांकि कहा यही जा रहा है कि, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के फाॅर्मूले पर मौजूदा सरकार कम ही अमल करे, क्योंकि इस फाॅर्मूले में चर्चा के लिए पाकिस्तान को शामिल किए जाने की बात कही गई थी। इस मामले में मीरवाइज का कहना था कि हम ऐसी चर्चा चाहते हैं जिसमें सभी पक्ष अपना मत रखें। चर्चा केवल औपचारिकता न हो, बल्कि विभिन्न गतिरोधों का समाधान निकले। गौरतलब है कि मीवाइज कश्मीरियों के धार्मिक नेता होते हैं।

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