आपने बहुत से लोगों को देखा होगा जो अपना वजन कम करने के लिए रनिंग या जॉगिंग करते हैं. सुबह जैसी उठकर महीनो तक वो रनिंग या जॉगिंग करते हैं और जब वो कुछ वक्त बाद अपना वजन देखते हैं तो उन्हें यकीन ही नहीं होता कि इतनी मशक्कत के बाद भी उनका वजन बिलकुल भी नहीं घटा. अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो इसके पीछे बहुत से कारण है जिनकी वजह से आप वजन नहीं घटा पाते। सबसे पहले तो आप को यह बात जान लेनी चाहिए की रनिंग कोई जादू की छड़ी नहीं है जो आपने घुमाई और आपका वजन कम हो जाएगा। रनिंग से हमारा दिल, हड्डियां और दिमाग काफी स्ट्रांग हो जाते हैं लेकिन एकदम से पतला होने का यह कोई जादुई फार्मूला नहीं है. 30 मिनट की रनिंग या ट्रेडमिल करने का यह मतलब नहीं है की इसके बाद आप अपनी मनचाही चीजे खाने लगें। बहुत से लोगों को कार्डियो के बाद भूख लगने लगती है और वो बिना कुछ सोचे समझे ज्यादा मात्रा में कैलोरीज लेने लगते हैं. मान लीजिये आप एक मील दौड़कर 100 कैलोरी खर्च करते हैं तो 5 मील दौड़ने के बाद आपने 500 कैलोरी खर्च कर ली और उसके बाद उसी दिन आप कहीं पर बर्गर और बियर जैसी कैलोरी से भरपूर चीजों का आनंद उठाते हैं तो आप खुद ही सोचिये की आपकी सुबह की मेहनत पर किसने पानी फेरा है. इसलिए दोष रनिंग को देने की बजाय अपने आप पर कण्ट्रोल नहीं रख पाने को देना चाहिए। आपकी बॉडी आपसे बहुत स्मार्ट होती है और खुद को स्थिति के हिसाब से बहुत जल्दी एडजस्ट कर लेती है. अगर एक ही काम को बार बार किया जाए तो बॉडी उसकी अभ्यस्त हो जाती है और अपने आप को ऐसे ढाल देती है कि उस काम में उसको कम मेहनत करनी पड़े. अगर आप फिक्स रूटीन और पेस पर रोजाना रनिंग करते हैं तो आपको उसमे बदलाव लाना चाहिए। अपने पेस, वक्त, डिस्टेंस और रनिंग के ट्रैकों में बदलाव लाकर आप बॉडी को शॉक दे सकते हैं ताकि वो ज्यादा कैलोरी खर्च करने लगे. सिर्फ रनिंग करने से अक्सर मसल्स भी कम हो जाती है इसलिए अगर आप रनिंग करते है तो आपको वेट ट्रेंनिग भी करनी चाहिए ताकि इससे आपकी मसल्स भी बनती रहे, फैट भी कम होता रहे और कैलोरी भी खर्च होती रहे.