2015 में टेक्‍नोलॉजी मे कई सारे इमप्रूवमेंट हुए। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते हमे पहले से बेहतर और सस्ते उपकरण देखने को मिले। ऐपल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और सैमसंग सभी ने एक से बढ़कर एक नए प्रॉडक्‍ट और सर्विसेस पेश की। वही नई कंपनियों ने अपने सस्ते फोन लॉंच कर ब्रांडेड कंपनियों को जम कर टक्कर दी। लेकिन इन सब के बावजूद टेक्‍नोलॉजी की दुनिया मे कुछ ऐसा भी हुआ जिसे लोगो ने पसंद नहीं किया। आज हम इनही खराबियों को बताने जा रहे हैं। ब्‍लैकबेरी ने अपनाया एंड्रॉयड एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के आ जाने की वजह से ब्‍लैकबेरी पिछले कुछ सालों से घाटे मे जा रहा था। इसी बात को ध्यान मे रखते हुए कनाडा की इस कंपनी ने आखिरकार एंड्रॉयड को अपनाने का फैसला किया और अपना पहला एंड्रॉयड फोन प्रिव लॉन्‍च किया। इसमे ब्‍लैकबेरी ने अपने ट्रेडमार्क कहे जाने वाले फिजिकल की-बोर्ड को यथावत रखा। एप्पल में बैटरी की समस्‍या एप्पल का आईफोन आज तक सभी फोन से ज्यादा पोपुलर रहा हैं। लेकिन इस साल लॉंच हुए ऐपल डिवाइस मे बैटरी बैकअप काफी कम था। इसी के चलते बहुत-सी कंपनियां ऐपल डिवाइसेस के लिए बैटरी केस बनाने लग गई। लेकिन अब कंपनी ने खुद ही आइफोन 6 के लिए 6,500 रुपए की कीमत वाला बैटरी केस बनाया है। इससे फोन का बैकअप 17 घंटा हो गया हैं। सैमसंग का स्मार्टफोन्‍स के लिए की-बोर्ड केस फिजिकल की-बोर्ड के दिवानों के लिए सैमसंग ने ब्लैकबेरी प्रिव से पहले गैलेक्सी नोट 5 के लिए अटैच किया जा सकने वाला फिजिकल की-बोर्ड बाजार मे उतारा था। हालांकि यूजर्स को यह कीबोर्ड कुछ खास पसंद नहीं आया। और इसकी बिक्री भी काफी कम रही। इस वॉच को आप नहीं पहनना चाहेंगे स्विस घड़ी निर्माता कंपनी निको गेरार्ड ने 9,300 डॉलर (6,16,729 रुपए लगभग) में एक एसी वाच बनाई जिस के के बैंड में एक तरफ ऐपल वॉच लगी है तो दूसरी ओर मैकेनिकल घड़ी। पिनेकल नाम की यह अजीब सी वाच किसी के मन को रास नहीं आई।