आइज़वाल: मिजोरम विधानसभा में 40 सीटे हैं, जिनके लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था, जिसमे 71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, पूर्वोत्‍तर की राजनीति के लिहाज से अहम समझे जाने वाले इस राज्‍य में सत्‍तारूढ़ कांग्रेस और मिजोरम नैशनल पार्टी (एमएनएफ) के बीच कड़ा मुकाबला है, वहीं इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी पहली बार 39 सीटों पर प्रत्‍याशी खड़े किए हैं. 40 सीटों के लिए शुरू हुई काउंटिंग, पहले रुझान में कांग्रेस एक सीट पर आगे पूर्वोत्‍तर भारत में मिजोरम का एकमात्र राज्‍य है जहां अभी कांग्रेस की सरकार है, बाकी 6 जगहों पर मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, मणिपुर में भाजपा की सरकार है, इसलिए दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के लिए यह राज्य काफी महत्वपूर्ण है. एग्जिट पोल के मुताबिक यहां कांग्रेस सत्ता से बाहर हो सकती है, वहीं शुरूआती रुझानों के मुताबिक एमएनएफ ने 16 सीटों पर बढ़त बना रखी है, वहीं कांग्रेस ने 11 सीटों पर बढ़त बनाई है, जबकि भाजपा मात्र 2 सीटों पर आगे है. नई सरकार बनते ही बदले जाएंगे विधानसभा के पांच अधिकारी मिजोरम 1987 में देश का 23वां राज्य बना था, तब से यहां मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) या कांग्रेस की सरकार ने शासन किया है, इस बार भी यहां मुकाबला कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी एमएनएफ ही है, लेकिन इस बार इसमें भाजपा ने भी किस्मत आज़माई है, अब देखना ये है कि राज्य में किसके सिर सत्ता का ताज सजता है. खबरें और भी:- मध्यप्रदेश चुनाव: कमलनाथ ने कहा वोटर्स बनाएंगे कांग्रेस की सरकार रघुनंदन शर्मा ने कहा सीएम शिवराज के गलत बयान से भाजपा को हुआ 10-15 सीटों का नुकसान मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: भाजपा और कांग्रेस में हो सकती है कांटे की टक्कर