नई दिल्ली : पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव में मिजोरम भी शामिल है. बता दें कि जहां आज एक ओर मध्य प्रदेश में 230 सीटों के लिए मतदान हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर मिजोरम में 40 सीटों के लिए मतदान हो रहा है. मिजोरम में हमेशा से ही कांग्रेस का परचम लहरा रहा है और इस बार भी सभी को कांग्रेस से यही उम्मीद है. मिजोरम चुनाव: राज्य में अब तक 15 फीसद मतदान, 47 बूथ संवेदनशील घोषित ख़ास बात यह है कि पूर्वोत्तर में मिजोरम ही एक ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार बची हुई है. मिजोरम को सन् 1987 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था, जिसके बाद अभी तक यहां किसी भी पार्टी की सरकार दो बार से ज्यादा नहीं बन सकी है. यह बेहद कम आबादी वाला राज्य है. यहां की कुल आबादी 10 लाख और मतदाताओं की संख्या 7,70,395 हैं जबकि इस बार कुल 1,164 मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया संपन्न की जा रही है. कांग्रेस के लिए भ्रष्टाचार ही राजनीति का आधार है: पीएम मोदी फ़िलहाल मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है और सीएम लल थनहवला तीसरी बार राज्य की सत्ता संभालने के लिए तैयार है वहीं बीजेपी कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए तैयार नजर आ रही है. एक ख़ास बात यह है कि अगर इस विधानसभा चुनाव में मिजोरम में बीजेपी की जीत होती है तो कांग्रेस का पूर्वोत्तर से पत्ता साफ़ हो जाएगा. पिछले चुनाव में 40 में से कांग्रेस के खाते में 34 सीटें आई थी. मुख्य विपक्षी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के खाते में पांच और मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस की झोली में महज एक सीट थी. इस बार भी यहां कांग्रेस का पलड़ा काफी भारी लग रहा है. वोटों की गिनती मिजोरम में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के साथ 11 दिसंबर को की जाएगी. मिजोरम चुनाव: मुख्यमंत्री लल थनहवला ने बीजेपी पर लगाया वोट खरीदने का आरोप मिजोरम चुनाव 2018: सबसे अमीर प्रत्याशी पैदल जाकर दर-दर मांग रहा वोट मिजोरम चुनाव: असम के मंत्री ने स्वीकारा, कहा राज्य में बड़ी पार्टी नहीं है भाजपा