शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने राउज एवेन्यू कोर्ट में मीटू मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि महिला पत्रकार द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप मनगढ़ंत हैं. इसके कारण समाज में उनकी छवि को अपूरणीय क्षति पहुंची है.अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी विशाल पाहुजा के समक्ष अकबर ने कहा कि मीटू अभियान के दौरान लगाए गए गलत आरोपों के कारण उन्हें अपने राजनीतिक पद से 17 अक्टूबर 2018 को इस्तीफा देना पड़ा था. अकबर ने इस मामले में पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. इसकी सुनवाई के दौरान उन्होंने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा. सीएम मनोहरलाल का बड़ा ऐलान, अकुशल कर्मचारी को मिली खास सौगात इस मामले को लेकर अकबर की वकील गीता लूथरा ने सवाल उठाया कि अगर ऐसी कोई घटना हुई थी तो आरोप लगाने वाली पत्रकार ने उस वक्त संबंधित विभाग में शिकायत क्यों नहीं की. उन्हें घटना के लगभग 20 साल बाद अचानक शिकायत करने का ख्याल कैसे आया. उन्होंने कहा कि महिला पत्रकार ने सोच समझकर उनके मुवक्किल के खिलाफ आरोप लगाए. गरीब सवर्णों को आयु सीमा में मिल सकती है छूट, सरकार से जल्द फैसले की उम्मीद आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मीटू अभियान के दौरान महिला पत्रकार के साथ ही कई अन्य महिलाओं ने भी एमजे अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इस मामले में एमजे अकबर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इसी मामले के खिलाफ अकबर ने आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी. एक जून से लागू हो जाएगा 'एक देश एक राशन कार्ड', सरकार ने किया ऐलान जल्द होगा तीन बड़े बैंकों का विलय, सरकार खोज रही नया नाम निर्भया केस : गुनहगारों को फांसी में देरी का मामला गर्माया, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में बोली ये बात