पटना। बिहार में कांग्रेस में टूट नज़र आ रही है। पार्टी के लगभग 14 विधायक जेडीयू में शामिल होने की तैयारी में हैं। हालांकि इस टूट की जानकारी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को मिल गई है ऐसे में केंद्रीय स्तर पर पार्टी को इस नुकसान से बचाने की कवायद की जा रही है। कांग्रेस की बिहार राज्य कमेटी के अध्यक्ष आशोक चौधरी और कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह को दिल्ली में बुलाया गया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इन नेताओं से चर्चा करेंगे। कांग्रेस प्रयास कर रही है कि विधायकों को कांग्रेस में कायम रखा जाए। इन 14 विधायकों द्वारा इस बात का प्रयास किया जा रहा है जिसके तहत करीब 4 और विधायकों को ये अपने गुट में शामिल करवा लें। इससे इनकी विधायकी बरकरार रखने हेतु आवश्यक दो तिहाई समर्थन मिले। माना जा रहा है कि कांग्रेस में टूट होने से सीएम नीतीश कुमार को कुछ आसानी होगी। कांग्रेस के प्रवक्ता आनन्द शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें किसी तरह का खतरा नहीं है इसके लिए वे प्रयास जरूर कर रहे हैं। यह बात भी सामने आई है कि महागठबंधन से जेडीयू के अलग होने के बाद कांग्रेस के खेमे में निराशा के भाव हैं। माना जा रहा है कि कुछ नेता महत्वपूर्ण पद और मंत्रालय पाना चाहते हैं इसलिए जेडीयू में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं। गौरतलब है कि बिहार में कांग्रेस के 27 विधायकों एमएलए के अलावा छह विधान पार्षद एमएलसी भी हैं। इनमें चार दो एमएलसी अशोक चौधरी एवं मदन मोहन झा तथा दो एमएलए अब्दुल जलील मस्तान एवं अवधेश कुमार महागठबंधन की सरकार में मंत्री थे। राहुल गांधी फिर से जायेंगे विदेश यात्रा पर, खड़े हुए सवाल कांग्रेस नेता का बयान, कांग्रेस को जिन्दा करने के लिए मोदी जैसे नेता की जरूरत बिहार कांग्रेस में टूट की सम्भावना बढ़ी