चुनाव के दबाव में हुआ, विधायक पुत्र का आत्मसमर्पण

बंगलुरु: सत्ता का जोर सिर्फ सत्ताधारियों को ही नहीं बल्कि उन सत्ताधारियों के उत्तराधिकारियों को भी मगरूर कर देता है. सत्ताधारी तो एक बार फिर भी तख़्त चले जाने के डर से परदे के पीछे काम करते हैं, लेकिन उनकी संताने किसी फ़िल्मी नेता के बिगड़े बेटे की तरह सरेराह आम लोगों को अपनी शक्ति का प्रदर्शन करती घूमती रहती हैं. फिर जब मामला तूल पकड़ लेने पर दबाव आता है तो थाने पहुँचकर, औपचारिक आत्मसमर्पण कर दिया जाता है, जैसा की किया है कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक एन.ए. हारिस के बेटे मोहम्मद नलपद हारिस ने.

नलपद और उनके दोस्तों पर शनिवार की रात पब में शराब पीकर 'विदवत' नमक एक शख्स के साथ मारपीट करने का आरोप है. पुलिस में मुकदमा दर्ज होने के बाद से नलपद फरार थे. लेकिन विपक्षी दल भाजपा और जनता दल-एस के कार्यकर्ताओं द्वारा थाने का घेराव करने और गिरफ़्तारी की मांग करने पर मामले ने राजनितिक तूल पकड़ लिया, जिसके बाद पुलिस से बचते घूम रहे नलपद ने कुब्बन पार्क थाना पहुंचकर सरेंडर कर दिया.

वहीं इस मामले में कांग्रेस के विधायक हारिस का कहना है कि, नालपद को आत्मसमर्पण करने कि सलाह उन्होंने ही दी थी, क्योंकि उसने जुर्म किया था. गौरतलब है कि, नलपद ने झगड़े के दौरान विदवत को लात-घूंसे मारे थे और उसके सिर पर शराब की बोतल से प्रहार किया था, यही नहीं विदवत के अस्पताल में भर्ती होने के बाद, नलपद ने अपने दोस्तों के साथ जाकर अस्पताल में भी विदवत  को धमकी दी थी. हालांकि सूत्रों का कहना है कि, कर्नाटक के विधानसभा चुनाव को देखते हुए, जनता के सामने अपनी छवि धूमिल होने से बचाने के लिए विधायक एन.ए. हारिस ने यह गिरफ़्तारी करवाई है. 

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