लखनऊ: ससुराल की दहलीज में कदम रखते ही विरासत में राजनिति पाने वाली मुंगराबादशाहपुर BSP विधायक सुषमा पटेल बीते शनिवार को लखनऊ में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में SP में शामिल हो चुकी है। सुषमा पटेल 2017 में BSP के टिकट पर मुंगराबादशाहपुर से चुनाव में कड़ी हुई थी। जिसमें BJP की तत्कालीन विधायक सीमा द्विवेदी को पराजित कर विधायक चुन ली गई थी। वैसे जिले में इस बात को लेकर लोग पहले से ही अनुमान लगा रहे थे कि सुषमा का SP में कभी भी जा सकती है। क्योकि इसके पूर्व मड़ियाहूं में आयोजित कार्यक्रम में वह अखिलेश यादव के साथ बैठक कर चुकी थी। इसके पूर्व इनके पति ने भी SP के साथ हाथ मिला लिया था। सुषमा की सास व ससुर मड़ियाहूं विधानसभा से विधायक रहे हैं। SP का दामन थामने वाली सुषमा से मीडिया ने बात कि जहां इस बारें में उन्होंने बताया कि वह BSP से अपने राजनितिक जीवन का सफर की शुरुआत की। 15 जनवरी 2015 को BSP से टिकट फाइनल हुआ और मेहनत की।वर्ष 2017 का चुनाव BSP से लड़ी। विधायक चुने जाने के उपरांत पार्टी के लिए दिन रात कार्य कारण में लगी हुई रहती थी। वर्ष 2020 में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के गलत इलज़ाम में पार्टी से निकाल दिया गया था । पति रणजीत सिंह पहले ही सरकारी सेवा छोड़कर SP की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं। सुषमा पटेल से जब इस बारें में प्रश्न किया गया कि क्या मुंगरा से या मड़ियाहूं से चुनाव लड़ेगी। लेकिन इस बारें में उन्होंने जवाब दिया कि नहीं अभी कुछ नहीं कह सकती हूं। राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो आदेश होगा वैसा ही करने वाली हूँ। सुषमा ने बोला कि अपने साथियों व कार्यकर्ताओं के साथ पूरी तरह से विचार विमर्श के बाद वह सपा की सदस्यता ग्रहण की। जहां इस बात का पता चला है कि सुषमा पटेल मूलरूप से मड़ियाहूं विधानसभा क्षेत्र की साहोपट्टी की निवासी है। इनके ससुर दूधनाथ पटेल वर्ष1985 में लोकदल से व सास सावित्री पटेल 1989 में जनता दल और फिर 1993 में SP-BSP गठबंधन से मड़ियाहूं से ही विधायक के तौर पर भी काम कर चुकी है। हालांकि इनके परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए मड़ियाहूं में भी सियासत में गरमी और भी बढ़ती जा रही है। पहली बार सबके सामने आया तालिबान का सुप्रीम लीडर क्या बीजेपी का साथ छोड़ देंगे वरुण गांधी...? कांग्रेस पार्टी ने फिर शुरू की 'रिस्ट्रक्चरिंग', विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ले सकते है बड़ा फैसला