रांची: स्वामी अग्निवेश ने हाल ही में यह मांग की है कि मॉब लिंचिंग के आरोपियों के साथ 'आतंकवादियों' की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए. गौरतलब हो कि स्वामी अग्निवेश एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उन्होंने कहा कि जो लोग मॉब लिंचिंग करते हैं उन पर आतंकवाद निरोधक कानून यूएपीए के तहत मुकदमा दायर किया जाना चाहिए. शिवराज ने साफ़ किया अध्यापकों के संविलियन का रास्ता, अब सीधे अकाउंट मे पहुंचेगा पैसा अग्निवेश पर पिछले महीने ही झारखंड के पाकुड़ में भगवा समूहों के सदस्यों ने कथित तौर पर हमला किया था और उसके बाद उन्होंने यह आरोप लगाए कि उन पर 17 जुलाई को झारखंड पुलिस ने हमला करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और ना ही कर रही है. वह जल्द ही उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेंगे और अपने साथ हुई घटना की एसआईटी जांच की मांग भी करेंगे. स्वामी अग्निवेश के अनुसार उनके लगाए हुए आरोपों के बाद 15 दिन गुजर गए लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, हालांकि उन्होंने आरोपियों की पहचान भी कर दी थी. खट्टर सरकार की बड़ी कामयाबी, सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी बढ़े उन्होंने बताया था कि आरोपी बीजेपी सहित भगवा संगठनों के सदस्य हैं. स्वामी अग्निवेश का कहना है कि उनपर हमला करने वाले आरोपियों ने उच्चतर स्तर पर मिले आदेशों का पालन किया है और इसमें केंद्र सरकार और झारखंड की बीजेपी सरकारें भी मिलीं हुईं थीं. जल्द ही स्वामी अग्निवेश लुधियाना और सहारनपुर के अलावा केरल के विभिन्न हिस्सों में जाएंगे जहाँ वह अल्पसंख्यकों तथा आदिवासियों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों के विरूद्ध हो रहे प्रदर्शन को समर्थन करेंगे साथ ही मॉब लिंचिंग और दलितों की सहायता करेंगे. खबरें और भी अपने आप आधार हेल्पलाइन नंबर सेव होने पर गूगल ने मांगी माफ़ी जम्‍मू-कश्‍मीर : शुक्रवार के बाद शनिवार भी आतंकियों से मुठभेड़ जारी दिल्ली कोर्ट का बड़ा फैसला मेनहॉल में गिरे बच्चे के परिजन को 10 लाख दे सरकार