1 फ़रवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में देश का बजट पेश किया. इस बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा लेकिन उन्होंने कहा कि इस बजट को गरीबों और किसानो के लिए बनाया गया है ताकि देश में उनका स्तर सुधारा जा सके. गरीबों को मूलभूत सुविधाएं और स्वास्थ्य जैसी सुविधा मुहैया कराइ जा सके और किसानो को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके इसे ध्यान में रखते हुए इस बजट को पेश किया गया. इसके अलावा कई क्षेत्रों के लिए भी राशि आवंटित की गई है. देश को डिजिटल बनाने के लिए भी काफी प्रयास किये गए हैं और इसके लिए मोबाइल ट्रैकिंग प्रणाली को देश में स्थापित करने के लिए भी बजट में 10 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने की घोषणा की है. बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस प्रणाली को स्थापित किये जाने से देश में मोबाइल फ़ोन की चोरी पर तो अंकुश लगेगा ही साथ ही नकली हैंडसेट बनाये जाने पर भी नकेल कसी जा सकेगी. इस प्रणाली जिसे केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर (सीईआईआर) कहा जाता है, दूरसंचार विभाग के अनतर्गत स्थापित की जाएगी. इस प्रणाली के जरिए गुम हुए या चोरी हुए मोबाइल की सभी सेवाओं को ब्लॉक किया जा सकेगा. इस प्रणाली के तहत चोरी या गुम होने के बाद मोबाइल से सिम कार्ड निकाला गया हो या नहीं, या फिर हैंडसेट का आईएमईआई नंबर भी क्यों न बदल लिया गया हो, उसे पूरी तरह ब्लॉक किया जा सकेगा. वहीँ वित्त मंत्री ने बताया की इस प्रणाली को स्थापित करने की पूरी जिम्मेदारी पुणे स्थित भारत संचार निगम लिमिटेड को सौंपी गई है. इसके अलावा इस प्रणाली के बारे में बताया गया कि सीईआईआर सभी मोबाइल ऑपरेटर के आईएमईआई डेटाबेस से कनेक्ट होगा. देश में मौजूद हर मोबाइल को ट्रैक और ब्लॉक किया जा सकेगा. इसलिए नहीं मिली मध्यम वर्ग को राहत बजट को लेकर राजग में फूट 70 लाख रोजगार की घोषणा आंकड़ों का मायाजाल है ?